नोएडा के दोनों प्रोजेक्ट शासन ने बहाल किए, प्रमुख सचिव ने अथॉरिटी के आदेश पर स्टे लगाया

एम3एम को बड़ी राहत : नोएडा के दोनों प्रोजेक्ट शासन ने बहाल किए, प्रमुख सचिव ने अथॉरिटी के आदेश पर स्टे लगाया

नोएडा के दोनों प्रोजेक्ट शासन ने बहाल किए, प्रमुख सचिव ने अथॉरिटी के आदेश पर स्टे लगाया

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

  • - नोएडा प्राधिकरण ने पूर्व आदेश को रद्द करते हुये एम3एम की दोनों कमर्शियल परियोजनाओं को किया बहाल
  • - प्रमुख सचिव (औद्योगिक विकास) अनिल सागर ने कंपनी की अपील पर स्थागनादेश जारी किया है
Noida/Lucknow : उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (औद्योगिक विकास) अनिल कुमार सागर ने एम3एम कंपनी को फिलहाल बड़ी राहत दी है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को एम3एम की प्रॉपर्टी की सील हटाने का निर्देश दिया है, जिससे पूर्व के निर्णय को प्रभावी रूप से रद्द कर दिया गया है। इस निर्णय से परियोजना में निवेश करने वाले घर खरीदारों को बेहद खुशी मिली है। हालांकि, अभी शासन सुनवाई करेगा। अंतिम निर्णय आना बाकी है।

निवेशकों ने राहत की सांस ली
निवेशकों में से एक संजीव कुमार ने राहत व्यक्त करते हुए कहा: "यह आदेश मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया है। मैंने इस प्रॉपर्टी के लिए अपनी जीवन भर की बचत का निवेश किया था।" आपको बता दें कि हाल ही में, नोएडा प्राधिकरण ने एम3एम की परियोजना को सील कर दिया था, जबकि कंपनी ने पहले ही काफी बड़ी राशि का निवेश कर दिया था। परियोजना को नोएडा प्राधिकरण द्वारा आयोजित नीलामी के माध्यम से एम3एम को आवंटित किया गया था। अचानक हुई सीलिंग ने निवेशकों और डेवलपर दोनों को चौंका दिया था।

क्या है मामला 
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण को फरवरी 2023 में एक शिकायत मिली थी कि इन भूखंडों के आवंटन में नियमों का उल्लंघन किया गया है। शिकायत में कहा गया था कि एम3एम की सहायक कंपनियों ने भूखंडों के आवंटन के लिए तय मानदंडों को पूरा नहीं किया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच की और पिछले हफ्ते सेक्टर-72 और सेक्टर-94 में स्थित दो भूखंडों का आवंटन रद्द कर दिया। इसका आदेश 10 मई को उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (यूपी औद्योगिक विकास विभाग) अनिल कुमार सागर ने जारी किया था। सरकार ने M3M के निरस्तीकरण की चिट्ठी नोएडा अथॉरिटी को भेज दी थी। 

प्राधिकरण को मिले है 450 करोड़
आवंटन करने के बाद प्राधिकरण को इन दोनों कंपनियों से अब तक लगभग 450 करोड़ रुपए भी मिल गए हैं। आरोप है कि दोनों कंपनियों को पांच लाख रुपए की अतिरिक्त बोली लगाने पर सिंगल बिड के तहत आवंटन किया गया। सेक्टर-94 स्थित भूखंड का रिजर्व प्राइस 827 करोड़ 35 लाख रुपए था और सेक्टर-72 स्थित भूखंड का रिजर्व प्राइस 176 करोड़ 48 लाख रुपए था। इन दोनों भूखंड के लिए सिर्फ पांच लाख रुपए की अतिरिक्त बोली मिलने पर प्राधिकरण ने आवंटन कर दिया।

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