आबोहवा अब भी जहरीली, इन चीजों पर लागू रहेंगी पाबंदियां

नोएडा एनसीआर से हटा GRAP-IV : आबोहवा अब भी जहरीली, इन चीजों पर लागू रहेंगी पाबंदियां

आबोहवा अब भी जहरीली, इन चीजों पर लागू रहेंगी पाबंदियां

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Noida News : दिल्ली एनसीआर की सुबह और शाम पिछले कुछ दिनों से कोहरे और स्मॉग के बीच गुजर रही है। हालांकि दिल्ली एनसीआर की आबोहवा में दूषित तत्वों के अधिक रहने के बाद भी हवा की दिशा में बदलाव के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ। फिर भी हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बरकरार है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली एनसीआर में शनिवार को प्रदूषण का स्तर कम होने के बाद केंद्र सरकार ने ग्रैप  GRAP (Graded Response Action Plan) का चौथा चरण हटा दिया है। सार्वजनिक निर्माण से संबंधित निर्माण कार्य और राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों और वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध को रद्द कर दिया है।

लागू रहेगा तीसरा चरण
केंद्र सरकार ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण को देखते हुए ग्रैप (ग्रेडेड रिस्‍पॉन्‍स एक्‍शन प्‍लान ) के चौथे और अंतिम चरण को लागू किया गया था। जो राजधानी और आपपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 अंक से अधिक होने पर किया जाता है। किन्तु अभी ग्रैप का तीसरा चरण लागू रहेगा। जिसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं।

450 से ऊपर चल रहा है AQI
यह इस माह अब तक नौवां दिन है जब दिल्ली में एयर इंडेक्स 450 से अधिक रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार अभी हवा दक्षिण पूर्व की तरफ से चल रही है। ऐसी स्थिति में प्रदूषण के स्तर में थोड़ा और सुधार हो सकता। इसके बावजूद अगले छह दिन तक दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बरकरार रहेगी। इसलिए प्रदूषण से ज्यादा राहत मिलने की संभावना नहीं है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 405 रहा, जो गंभीर श्रेणी में है।

विभिन्न शहरों में शाम का AQI
दिल्ली : 319
नोएडा : 265
ग्रेटर नोएडा : 228
गाजियाबाद : 276
गुरुग्राम : 322
फरीदाबाद : 309
मेरठ : 276
बुलंदशहर : 196
बागपत : 325
हापुड़ : 181
ऐसे लागू होता ग्रैप के विभिन्न चरण
  1. ग्रैप को दिल्ली एनसीआर में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के 4 विभिन्न चरणों के हिसाब से बांटा गया है। ग्रैप का चरण-l उस वक्त लागू होता है, जब दिल्ली में AQI का स्तर 201-300 के बीच होता है।
  2. ग्रैप का दूसरा चरण, जब राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 के बीच 'बहुत खराब' मापा जाती है। यह चरण एक्यूआई के 301-400 के अनुमानित स्तर तक पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जाती है।
  3. तीसरा चरण 'गंभीर' वायु गुणवत्ता के बीच लागू किया जाता है। इस वक्त दिल्ली में एक्यूआई 401-450 के बीच होता है। ग्रैप III के तहत कार्रवाई एक्यूआई के 400 से अधिक के अनुमानित स्तर तक पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले शुरू की जाती है।
  4. ग्रैप कार्य योजना का अंतिम और चौथा चरण 'गंभीर +' वायु गुणवत्ता की परिस्थिति में लागू किया जाता है। इस दौरान दिल्ली में AQI स्तर 450 से ज्यादा होना चाहिए। दूसरे और तीसरे चरण की तरह चरण IV के तहत कार्रवाई एक्यूआई के 450 के अनुमानित स्तर तक पहुंचने से कम से कम तीन दिन पहले ही शुरू की जाती है।
तीसरे चरण में रहेंगी ये पाबंदियां
वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में आगे गिरावट को रोकने के लिए उप-समिति ने 2 नवंबर को ग्रैप-3 के तहत सभी कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में लागू करने की बात कही। यह चरण 'गंभीर' वायु गुणवत्ता यानी एक्यूआई 401-450 के बीच होने पर लागू किया जाता है। बता दें कि 2022 में ग्रैप का चरण-III अक्तूबर के महीने में ही लागू किया गया था, इस साल संशोधित ग्रैप का चरण-III नवंबर में लागू किया गया। ग्रैप-III के तहत 8 सूत्रीय कार्य योजना 2 नवंबर से पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई थी।

ये कदम इस प्रकार हैंः
  1. सड़कों की मशीन/वैक्यूम आधारित की जाने वाली सफाई की संख्या बढ़ाना। 
  2. सड़कों पर विशेषतौर पर हॉटस्पॉट, ज्यादा यातायात वाले रास्तों पर पीक ट्रैफिक वाले घंटों से पहले धूल रोकने के साथ रोज पानी का छिड़काव और इकट्ठा की गई धूल आदि को निर्धारित स्थलों या लैंडिफल में डालना।
  3. सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बढ़ाना। पीक टाइम से इतर यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग दरें शुरू करना।
  4. कुछ अपवादों को छोड़कर निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियां प्रतिबंधित करना। 
  5. स्टोन क्रशर का संचालन बंद करना।
  6. एनसीआर में खनन और संबंधित गतिविधियों को बंद रखा जाएगा। 
  7. दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल एलएमवी (4 पहिया) पर प्रतिबंध। 
  8. एनसीआर में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूलों में कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने का विकल्प।

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