दादरी से मुंबई जाने वाले कॉरिडोर के कार्य ने पकड़ी रफ्तार, गर्डर्स लगाने का काम शुरू, पढ़िए क्या फायदा मिलेगा

खास खबर : दादरी से मुंबई जाने वाले कॉरिडोर के कार्य ने पकड़ी रफ्तार, गर्डर्स लगाने का काम शुरू, पढ़िए क्या फायदा मिलेगा

दादरी से मुंबई जाने वाले कॉरिडोर के कार्य ने पकड़ी रफ्तार, गर्डर्स लगाने का काम शुरू, पढ़िए क्या फायदा मिलेगा

Tricity Today | गर्डर्स लगाने का काम हुआ शुरू

Noida News : दादरी से मुंबई जाने वाले वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Western Dedicated Freight Corridor) का काम बड़ी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। आपको बता दें कि इस वेस्टर्न कॉरिडोर का कुछ हिस्सा गौतमबुद्ध नगर जिले से होकर गुजर रहा है। यह कॉरिडोर नोएडा सेक्टर-145 से 146 मेट्रो स्टेशन के बीच से होकर गुजर रहा है। कुछ समय पहले यहां पर चार दीवारी का कार्य शुरू किया गया। जिसका कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। अब कॉरिडोर पर गर्डर्स लगाने का कार्य किया शुरू कर दिया गया है। यह गर्डर्स  2 हाई कैपेसिटी क्रेन की मदद से लगाए जा रहे हैं। यह कार्य डीआरसीसीआईएल और एनएमआरसी की देखरेख में किया जा रहा है। इस कॉरिडोर के कार्य के पूरा हो जाने से जिले को काफी फायदा होगा। 

इन लिए रखी गई ऊंचाई कम 
मेट्री की एक्वा लाइन के ऊपर इस वेस्टर्न कॉरिडोर का कार्य काफी तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। अब इस रेल फ्लाईओवर-185 के ऊपर गर्डर्स लगने का कार्य इंजीनियरिंग की देख रेख में शुरू किया गया है। वर्ष 2014 से 2015 में नोएडा की एक्वा लाइन के इस खंड को जानबूझकर विस्तृत डिजाइन सलाहकार, आयसा इंडिया द्वारा डिजाइन किया गया था, जिसकी ऊंचाई कम रखी गई थी। ताकि डीएफसी के वायडक्ट आसानी से एक छोटे से न्यूनतम ढाल के साथ ऊपर से गुजर सकें।

रात के समय में किया जाता काम 
ईस्टर्न डायरेक्ट फ्रंट कॉरिडोर का कार्य रात के समय मेट्रो संचालन बंद होने के बाद किया जाता है। ताकि मेट्रो के संचालन में कोई दिक्कत ना हो। इस कॉरिडोर की मदद से सामान को एक जगह से दूसरी जगह लजाने में ले खर्चा कम हो जाएगा। इसके अलावा कम समय के अंदर माल को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचाया जा सकेगा। इससे समय की भी काफी बचत होगी। साथ ही कॉरिडोर पर ज्यादा माल के साथ रेलगाड़ियां समान को ले जा सकेंगी।

1,504 किमी लंबा है यह वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर या वेस्टर्न डीएफसी भारत में 1,504 किमी लंबा, निर्माणाधीन ब्रॉड गेज फ्रेट कॉरिडोर है। यह उत्तर प्रदेश में दादरी (दिल्ली के पास) को नवी मुंबई, महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से जोड़ेगा। कॉरिडोर का निर्माण भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) द्वारा किया जा रहा है, और इसे डबल-लाइन ऑपरेशन के साथ विद्युतीकृत किया जाएगा। पश्चिमी डीएफसी में पलवल के पृथला से दिल्ली के तुगलकाबाद तक एक नई सिंगल-लाइन शाखा शामिल है, जो मौजूदा नई दिल्ली-फरीदाबाद-पलवल रेलवे लाइन के समानांतर चलती है।

क्या होगा फायदा
आपको बता दें कि वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा स्थित औद्योगिक क्षेत्रों में बनने वाली वस्तुएं और कृषि उत्पाद बेहद कम समय में सीधे मुंबई पहुंच सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ढुलाई का खर्च भी कम होगा। कॉरिडोर तैयार होने के बाद एक मालगाड़ी 13 हजार टन माल के साथ 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ढुलाई कर सकेगी। मौजूदा समय में एक मालगाड़ी 40 से 50 किमी प्रति घंटे की स्पीड से सिर्फ 5 हजार टन माल ही ढो पाती है। मुख्य माल ढुलाई वस्तुओं में उर्वरक, खाद्यान्न, नमक, कोयला, लोहा, इस्पात और सीमेंट शामिल हैं।

कितने किलोमीटर का हिस्सा कहां होगा
कॉरिडोर का 18 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश, 177 किमी हिस्सा हरियाणा, 567 किमी हिस्सा राजस्थान, 565 किलोमीटर हिस्सा गुजरात और 177 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र में होगा। ईस्टर्न और वेस्टर्न दोनों फ्रेट कॉरिडोर का मेन जंक्शन शादीपुर गांव के पास दादरी में होगा। कॉरिडोर दादरी से मुंबई तक जाने वाला वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर है और इसकी कुल लंबाई 1504 किलोमीटर है।

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