Noida News (सुमित राजपूत) : नोएडा के सेक्टर-135 में एक ऐसा पौधा सड़क किनारे लगा है। जिसका कनेक्शन आज से नही बल्कि त्रेता युग की रामायण काल की गाथा से है। माना जाता है ये पौधा अयोध्या की संप्रभुता, शक्ति और राष्ट्रीय ध्वज का प्रतीक रहा है। जिसको आज के अयोध्या से जोड़कर देखा जा रहा है। इतना ही नहीं ये पौधे अब राम जन्म भूमि के मंदिर प्रांगण में ग्रीन बेल्ट में लगाए जाएंगे।
अयोध्या के राष्ट्रीय ध्वज का प्रतीक था कोविदार पेड़
कोविदार पेड़ का त्रेता युग में रचित रामायण काल से गहरा और खास रिश्ता रहा है। यही वो पेड़ है जो अयोध्या की सेना और रथ के राष्ट्रीय ध्वज का प्रतीक होता था। इसी प्रतीक को देखकर अयोध्या की सेना अपनी सेना और अपने राजा और महाराजो को पहचानती थी।
वाल्मीकि रामायण में कोविदार पेड़ का जिक्र
इस पेड़ की पहचान करने वाले ललित मिश्र ने बताया कि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण में इस पेड़ का कई बार जिक्र किया गया है। ग्रंथ में लिखा है कि जब 14 वर्ष का भगवान श्री राम को वनवास हुआ और ये बात उनके भाई भरत को पता चला तो वो उन्हे लौटाने अपनी सेना के साथ वन गए। दूर से राजा भरत और उनकी सेना को आता देख लक्ष्मण ने राम को बताया और रथ पर लगे ध्वज के बारे में कहा तो प्रभु श्री राम ने कहा कि अयोध्या की सेना है,क्यूंकी उस ध्वज पर इसी कोविदार पेड़ का प्रतीक चिन्ह था। नोएडा में देख सकते है कोविदार पेड़
ललित मिश्र एक इंडोलॉजिस्ट है जो कि भारत की प्राचीन परंपराएं, प्रथाएं, इतिहास और संस्कृति है अध्ययन करते है और उसको आज के वर्तमान से जोड़ते हैं। इंडोलॉजिस्ट ललित मिश्र ने बताया कि अयोध्या राम मंदिर की ग्रीन बेल्ट में ये कोविदार के पेड़ लगेंगे। कोविदार पेड़ अयोध्या की विरासत है और आर्यावर्त अर्थात उत्तर प्रदेश की मिट्टी का पौधा है। ये पौधे आप पश्चिमी बिहार में भी देख सकते है। नोएडा की बात करें तो आपको सेक्टर 80, 82, 100, 131, 132 और 135 में ये पेड़ देखने को मिल जाएंगे।