ISKCON Noida में कान्हा को झुलाने के लिए भक्तों का लग रहा तांता, जानिए क्या है खास

Janamastmi 2023 : ISKCON Noida में कान्हा को झुलाने के लिए भक्तों का लग रहा तांता, जानिए क्या है खास

ISKCON Noida में कान्हा को झुलाने के लिए भक्तों का लग रहा तांता, जानिए क्या है खास

Tricity Today | ISKCON Noida में कान्हा को झुलाने के लिए भक्तों का लग रहा तांता

Noida News : श्रीराधा कृष्ण को झूला झुलाने की परंपरा बहुत प्राचीन है। यह ब्रह्मा-माधव-गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय में विशेष रूप से मनाया जाने वाला त्योहार है। बरसात के मौसम में नमी बहुत बढ़ जाती है। इसलिए, भगवान को ठंडी हवा प्रदान करने के लिए भक्त हर साल उन्हें झूले पर बिठाते हैं। भगवान को झूला झुलाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान श्रीराधा कृष्ण के प्रति प्रेम बढ़ता है। इसलिए प्यार के इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत रविवार से इस्कॉन नोएडा में हो चुकी है। हर दिन शाम सात बजे मंदिर में सैकड़ों भक्त भगवान को झूला झुलाने के लिए पहुंच रहे हैं।

मंदिर में विशेष झूला तैयार
आयोजकों ने बताया कि मंदिर में भक्तों द्वारा एक विशेष झूला तैयार किया गया है, जिसे तोरण, विभिन्न प्रकार के फूलों और अन्य सजावटी वस्तुओं से सजाया गया है। शाम के समय श्रीराधा गोविंद देव की मूर्ति स्थापित कर उसमें झूला डाला जाता है। यह उत्सव 31 अगस्त गुरुवार को भगवान बलराम के जन्मोत्सव पर समाप्त होगा। बलराम जयंती का उत्सव शाम 6 बजे शुरू होगा। उसमें भजन, कीर्तन, भगवान का अभिषेक, प्रवचन और सभी के लिए पूर्ण प्रसाद की व्यवस्था की जाएगी। पंच गव्य (दूध, दही, शहद, घी, फलों के रस और फूल) से भगवान का मनोहारी अभिषेक किया जाएगा।

बलराम की लीलाओं का मंचन
मीडिया प्रभारी एकांत धाम दास ने बताया कि बलराम जी को अत्यंत प्रिय दूध, दही और शहद से बना पेय 'वारुणी' भगवान को अर्पित किया जाएगा। इसे सभी भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। इस अवसर पर भगवान बलराम की लीलाओं का मंचन करते हुए एक विशेष नाटक प्रस्तुत किया जाएगा और मटकी फोड़ उत्सव का भी आयोजन किया जाएगा। महोत्सव में करीब 1500 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
मीडिया प्रभारी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सात सितम्बर को मनाया जाएगा। इस उत्सव के लिए भक्तगण पिछले चार माह से तैयारियों में जुटे हुए हैं। पूरे मन्दिर की साफ सफाई और रंग रोगन किया जा रहा है। मन्दिर को सुन्दर ढंग से सजाया जा रहा है। भगवान के लिए भोग की सामग्री एकत्र की जा रही है। भगवान की सुन्दर पोशाक तैयार की जा रही है। पूरे मन्दिर को रंग बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया जाएगा। भगवान का पंञ्चगव्य (दूध, दही, शहद, घी, फलों के रस एवं पुष्प) से सुन्दर अभिषेक किया जाएगा। भगवान को 108 प्रकार के देशी और विदेशी अलग-अलग व्यंजन अर्पित किए जाएंगे। उसमें कईं प्रकार के खीर, हलवे, सब्जियां, स्नैक्स और केक सम्मिलित होंगे।

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