सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में इस महीने 106 लोगों की मौत हुईं
नोएडा को अडाणाी समूह 399 ऑक्सीजन सिलेंडर देगा, 199 बड़े-200 छोटे सिलेंडर
नोएडा स्टेडियम में 50 बेड़ का सेटअप अस्पताल सीएसआर के जरिए तैयार होगा
नोएडा में 500 बिस्तर वाला आइसोलेशन सेंटर तीन महीनों के लिए बनाया जाएगा
अस्पतालों में ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति के लिए क्यूआरटी का गठन किया गया
रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए गाइडलाइन हेल्थ डिपार्टमेंट जारी करने जा रहा है
कोरोना वायरस पूरे देश में कहर बरपा रहा है। रोज हजारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। आम आदमी का मानना है कि हकीकत में मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों से कई गुना ज्यादा है। नोएडा भी इन हालात से अछूता नहीं है। यहां अंतिम निवास में रोज सैकड़ों शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ये तस्वीरें नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित अंतिम निवास की हैं। यहां काम करने वाले लोगों के मुताबिक रोज सैकड़ों शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है। अंतिम निवास के रजिस्टर में रोजाना सैकड़ों शवों के दाह की एंट्री हैं। अंदाजा इसी से लगा लीजिये कि यहां पहले केवल सीएनजी से शव दाह किया जा रहा था लेकिन अब संख्या इतनी बढ़ गयी है कि लकड़ियों का उपयोग भी करना पड़ रहा है। पंकज सिंह ने बताया कि इस महामारी में हम सभी की यही कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंच सके। जिसके लिए वह खुद सोशल मीडिया और अपने सहयोगियों के साथ निरंतर प्रयासरत हैं।
फैसला नम्बर-1 : नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने ऑक्सीजन क्राइसिस से पार पाने के लिए अडाणाी समूह से सम्पर्क साधा। अडानी ग्रुप 399 ऑक्सीजन सिलेंडर नोएडा को दे रहा है। इनमें 199 बड़े और 200 छोटे सिलेंडर हैं। आज जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर जिला प्रशासन को दे दिए जाएंगे। बाकी छोटे सिलेंडर दो-तीन दिन में आएंगे। इससे अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी।
फैसला नम्बर-2 : नोएडा स्टेडियम में 50 बेड़ का सेटअप अस्पताल अडाणी समूह सीएसआर के जरिए तैयार करेगा। तीन महीनों के लिए एक आइसोलेशन सेंटर बनाया जाएगा। जहां कम लक्षणों वाले बीमारों को संभाला जाएगा। कोविड अस्पतालों में बिना वजह बढ़ रही भीड़ रुकेगी।
नोएडा में कोरोना वायरस जनित महामारी पर काबू पाने के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का विधायक पंकज सिंह ने दौरा किया। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई से पूरी प्रक्रिया की जानकारी ली। इस दौरान कंट्रोल रूम में काम कर रही टीम से उन्होंने यह भी जाना कि कैसे हॉस्पिटल में कोविड बेड की उपलब्धता का पता रहता है। इसके लिए बनाए गए डैशबोर्ड की जानकारी ली। ऑक्सीज़न वितरण प्रणाली, ज़रूरी दवाओं की उपलब्धता और होम आइसोलेटेड मरीजों की टेली कंसल्टेंसी के बारे में पता किया है।पंकज सिंह ने बताया कि इस महामारी में हम सभी की यही कोशिश है कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंच सके। जिसके लिए वह खुद सोशल मीडिया और अपने सहयोगियों के साथ निरंतर प्रयासरत हैं।
फैसला नम्बर-3 : पंकज सिंह के साथ रहे ज़िलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि आज शाम तक ज़िला प्रशासन ऑनलाइन डैश्बॉर्ड जारी करेगा। जिससे हमें रियल टाइम पता चलता रहेगा कि किस हॉस्पिटल में कितने बेड उपलब्ध हैं। इस ऑनलाइन डेशबोर्ड के जरिए मरीज और उनके परिजन भी वेकेंसी पर नजर रख सकते हैं। मरीज और उनके घरवाले बिना वजह धक्के खाने से बचेंगे।
फैसला नम्बर-4 : जिले में एक क्विक रेस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है, जो किसी भी हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की कमी होने पर तुरंत वहां ऑक्सिजन पहुंचाएगी। इससे अस्पताल मैनेजमेंट और भर्ती मरीजों को संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
फैसला नम्बर-5 : जिले में सबसे ज्यादा हाहाकार रेमडिसेवर इंजेक्शन के लिए है। स्वास्थ्य विभाग इंजेक्शन के लिए एक गाइडलाइन जारी कर रहा है। जिससे इंजेक्शन की कालाबाज़ारी रुकेगी। सीएमओ ने दावा किया है कि गौतमबुद्ध नगर में इंजेक्शन की कमी को भी पूरा किया जा रहा है।
मतलब, उम्मीद है कि आने वाले 48 घंटों में गौतमबुद्ध नगर के हालात सामान्य होंगे। अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन और दवाओं के लिए आम आदमी को ठोकरें खाने की जरूरत नहीं होगी। जिले के युवा अफसरों और जनप्रतिनिधियों से लोगों यही आशा है।