मुसलमान बनकर कर रहे थे ठगी, विदेश भेजने के नाम पर ढाई सौ लोगों से करोड़ों रुपये ठगे

नोएडा पुलिस का एक्शन : मुसलमान बनकर कर रहे थे ठगी, विदेश भेजने के नाम पर ढाई सौ लोगों से करोड़ों रुपये ठगे

मुसलमान बनकर कर रहे थे ठगी, विदेश भेजने के नाम पर ढाई सौ लोगों से करोड़ों रुपये ठगे

Tricity Today | पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

Noida News : नोएडा की थाना सेक्टर-63 पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो मुसलमान बनकर लोगों से ठगी कर रहा था। पकड़े गैंग में एक महिला और दो पुरुष हैं। पुलिस का दावा है कि यह गैंग खाड़ी देशों में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी कर रहा था। पिछले करीब तीन महीने में यह गैंग 250 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुका है। इनके पास से 6.90 लाख रुपये , 5 मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किया गया है। 

जानिए पूरा मामला 
सेन्ट्रल नोएडा डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना फेस-63 सूचना के आधार योगेन्द्र उर्फ अनीस, मनोज उर्फ रिजवान, कोमल उर्फ ज्योति को डंपिंग यार्ड के पास ग्रीन बेल्ट ए-ब्लॉक से गिरफ्तार किया। पकड़े गए तीनों आरोपियों द्वारा एच-73 सेक्टर 63 ग्लोबल ट्रैवल्स नाम की कंपनी चलाई जा रही थी। करीब तीन महीने पहले इन लोगों ने करीब 250 लोगों को अजरवैजान, दुबई, सउदी, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, मालदीव, ओमान, कुवैत भेजने की बात की। इनमें से 30 लोग ऐसे थे जिनकी टिकट 6 सितंबर 2024 को हो रखी थी। एयरपोर्ट जाने पर जानकारी मिली कि ये टिकट फर्जी है। इसके बाद ये सभी लोग नोएडा के इस पते पर पहुंचे। कार्यालय बंद मिला कर्मचारी फरार थे। फोन किया लेकिन वो बंद मिला। पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। 

जानिए किस तरह लोगों को फंसाते थे 
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ करने पर बताया कि वो अपनी पहचान छिपाकर कंपनी को सोशल मीडिया पर लिस्ट कराकर इच्छुक लोगों को वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ते थे। जिनके वॉट्सऐप ग्रुप में केवल एडमिन ही मैसेज कर सकता था। इसी ग्रुप पर विदेश में स्थित कंपनी के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर बनाकर आवेदकों को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देते थे। इसके बाद आवेदकों को पूरी तरह से अपने झांसे में कर लेते थे। 

70 से 1 लाख रुपये तक ऐंठते थे 
डीसीपी ने बताया कि आवेदक के झांसे में आने के बाद आरोपी उनसे पैसा ऐंठते थे। 
एक बार झांसे में आने के बाद आवेदक का पासपोर्ट अपने पास रखकर फर्जी वीजा तैयार करते थे। इसके लिए प्रोसेसिंग फीस ली जाती थी। इसके बाद टिकट और जिस देश में भेजा जाता था वहां की कुछ प्रोसेस बताकर एक व्यक्ति से करीब 70 हजार से 1 लाख रुपए लिए जाते थे। इसके बाद उनको ग्रुप पर या मेल पर फर्जी टिकट, अपॉइंटमेंट लेटर और अन्य दस्तावेज भेज देते थे। उनको बताते थे कि जिस दिन की फ्लाइट होगी उसी दिन एयरपोर्ट पर हमारा एजेंट पासपोर्ट देगा।

डमी एयर टिकट करते थे तैयार 
पकड़े गए आरोपी  कॉल सेंटर छोड़ने से पहले इन लोगों ने सभी पासपोर्ट को डिस्ट्रॉय कर दिया। साथ ही कुछ पासपोर्ट कोरियर कर दिए गए। खास बात ये है जो एयर टिकट ये बनाते थे वो डमी टिकट होते थे जो तीन दिन में समाप्त हो जाते थे। ये सभी लोगों को एक ही दिन ऑफिस बुलाते थे। उनके दस्तावेज लेते और कैश लेकर उनको वापस भेज देते थे।

फेसबुक और इंस्टाग्राम थे ठगी का जरिया 
डीसीपी ने बताया कि तीनों आरोपी दुबई, अजरवेजान, सउदी, आयरलैड आदि में नौकरी दिलाना व उनके वीजा तैयार करने के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम पर अपनी कंपनी के नाम के ऐड चलाये थे। जहां पर लोगों ने आकर हमसे सम्पर्क किया। हम लोग हमेशा नाम छिपाकर काम करते थे। ताकि किसी को हमारे बारे में पता न चल सके। 

प्रेमपाल की तलाश में जुटी पुलिस 
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपी दिल्ली के रहने वले हैं। इस गैंग का फरार आरोपी प्रेमपाल भी दिल्ली का रहने वाला है। कंपनी का सारा पैसा हमारे साथी प्रेमपाल रायकवर के एकाउंट में गया है। पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है। जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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