युवती समेत तीन लोगों ने दी जान, आत्महत्या के बढ़ते मामलों से जानकार भी हैरान

गौतमबुद्ध नगर : युवती समेत तीन लोगों ने दी जान, आत्महत्या के बढ़ते मामलों से जानकार भी हैरान

युवती समेत तीन लोगों ने दी जान, आत्महत्या के बढ़ते मामलों से जानकार भी हैरान

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

गुरुवार को गौतमबुद्ध नगर में आत्महत्या के तीन मामलों ने जिले के लोगों की मानसिक स्थिति पर सवाल खड़ा कर दिया है। गत एक साल में आत्महत्या के मामलों में खतरनाक ढंग से बढ़ोत्तरी हुई है। गुरुवार को एक युवती समेत तीन लोगों के आत्महत्या करने की पुष्टि हुई। पुलिस के मीडिया प्रभारी ने तीनों घटनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाना फेस-3 क्षेत्र के बहलोलपुर गांव में रहने वाली कुमारी चंदा (24 वर्ष) ने मानसिक तनाव के चलते बुधवार रात को अपने घर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली।  

दूसरे मामले में थाना बीटा-2 क्षेत्र के सिग्मा सेक्टर में रहने वाले हरप्रीत सिंह (32 वर्ष) ने मानसिक तनाव की वजह से बुधवार रात को पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तीसरा मामला थाना सेक्टर-58 क्षेत्र के नवादा गांव का है। गांव में रहने वाले इंजीनियर योगेंद्र श्रीवास्तव (27 वर्ष) ने बुधवार को अपने घर पर पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

रोजाना कोई न कोई मौत को गले लगा रहा है
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रोजाना कोई ना कोई मौत को गले लगा रहा है। मतलब, गौतमबुद्ध नगर जिले में औसतन रोजाना एक व्यक्ति सुसाइड कर रहा है। बड़ी बात यह है कि कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने और इस महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के बाद आत्महत्या करने वालों की संख्या दोगुनी हो गई है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस और मनोचिकित्सकों का कहना है कि नौकरी चले जाने, कारोबार डूबने, आर्थिक नुकसान और मौजूदा माहौल की नकारात्मकता लोगों को आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही है। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सकारात्मक सोच और अपने लोगों का सहयोग इस समस्या का एकमात्र समाधान हैं।

कोई हुआ कर्जदार तो कोई बेरोजगार
इन आत्महत्याओं के मामलों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जो लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए हैं। उनके कारोबार डूब गए हैं। ऐसे लोगों की संख्या भी ज्यादा है, जिनके ऊपर भारी कर्ज है और चुकाने का दबाव है। दूसरी ओर आमदनी खत्म हो जाने के कारण संकट में घिर गए हैं। इन सारे दबावों में आत्मघाती कदम लोग उठा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या महिलाओं के मुकाबले करीब तीन गुनी है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.