जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता साफ, अब 20 हजार फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

नोएडा के लिए आज की सबसे बड़ी खबर : जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता साफ, अब 20 हजार फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता साफ, अब 20 हजार फ्लैट खरीदारों को मिलेगी राहत

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New Delhi/Noida : नोएडा शहर, रियल एस्टेट सेक्टर और करीब 20,000 फ्लैट खरीदारों के नजरिए से आज की सबसे बड़ी खबर है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सबसे बड़े उद्योग समूहों में शुमार जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को दिवाला प्रक्रिया के माध्यम से मुंबई के सुरक्षा समूह के प्लान को मंजूरी दे दी है। सुरक्षा समूह ने जेपी इंफ्राटेक के लिए समाधान योजना पेश की थी। 

जेपी इंफ्राटेक की योजनाओं में फंसे हैं 20,000 फ्लैट खरीदार
नोएडा शहर में ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे जेपी इंफ्राटेक की रेजिडेंशियल परियोजनाएं हैं, जो अधूरी पड़ी हुई हैं और उनमें 20,000 से अधिक होमबॉयर्स फंसे हुए हैं। यह सारे लोग नोएडा में एक दशक से अधिक समय से अपने अपार्टमेंट मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब इन लोगों को होली के मौके पर मंगलवार को बड़ी राहत मिली है।

एनसीएलटी ने 491 पन्नों का फैसला सुनाया
रामलिंगम सुधाकर की अध्यक्षता वाली एनसीएलटी की दो सदस्यीय प्रधान पीठ ने 7 मार्च को 491 पन्नों के आदेश में समाधान योजना को मंजूरी दी है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और आईसीआईसीआई बैंक की ओर से उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया गया। दरअसल, यमुना अथॉरिटी से जेपी इंफ्राटेक ने जमीन ली है और अभी तक पैसे का भुगतान नहीं किया है। यमुना अथॉरिटी ने अपना पैसा मांगने के लिए एनसीएलटी में दावा पेश किया। प्राधिकरण पैसे की बजाय अपनी जमीन वापस लेना चाहता है। दूसरी ओर आईसीआईसीआई बैंक का जेपी इंफ्राटेक पर हजारों करोड़ रुपए कर्ज है। बैंक ने भी अपना पैसा मांगा है।

तय समय में खरीदारों को घर देगा सुरक्षा समूह: एनसीएलटी
एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने ने अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) को सात दिनों के भीतर एक कार्यान्वयन निगरानी समिति गठित करने का निर्देश दिया है। समिति में सुरक्षा समूह के प्रतिनिधि, दिवाला समाधान पेशेवर अनुज जैन, उधार दाताओं और घर खरीदारों के अधिकृत प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि सफल समाधान आवेदक को समाधान योजना में वादा की गई समय सीमा के अनुसार होम बॉयर्स के घर बनाकर देने हैं। अपार्टमेंट खरीदने वालों को उनकी प्रोपर्टी पर कब्जा देना है।

जेपी समूह के 750 करोड़ रुपये का निस्तारण होगा
आपको बता दें कि जेपी समूह की कंपनी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ बैंकों, यमुना प्राधिकरण और फ्लैट खरीदारों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था। एनसीएलटी ने जेपी इंफ्राटेक के लिए समाधान योजना को मंजूरी दी। ट्रिब्यूनल ने जेपी इंफ्राटेक के लिए सुरक्षा रियलिटी और लक्षदीप इन्वेस्टमेंट्स एंड फाइनेंस की संयुक्त रिज़ॉल्यूशन योजना को मंजूरी दी है। जयप्रकाश एसोसिएट्स ने कंपनी को बचाने के लिए ट्रिब्यूनल में 750 करोड़ रुपये की राशि जमा की थी। मंगलवार को आए फैसले में ट्रिब्यूनल ने यह धनराशि भी समायोजित करने का आदेश दिया है।

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