Noida News : नोएडा के लोग अपने अस्त-व्यस्त जीवन में रोज परेशानियों से गुजरते है। रोजाना जाम की समस्या, गड्ढों से भरी सड़कें, हर गुजरते वाहन के साथ धूल का गुबार, कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ की गतिविधियां हर सर्दी में नोएडा के लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। इस साल वायु प्रदूषण में नोएडा दिल्ली को भी पीछे छोड़ता दिख रहा है। इसको कम करने के लिए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने एक कार्य योजना तैयार की है और शहर के 10 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करना जरूरी
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा 17 सितंबर को जारी किए गए संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट ने 31 विभागों को इन उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। इनमें नोएडा प्राधिकरण, यातायात पुलिस, सिंचाई विभाग, प्रदूषण विभाग और खनन विभाग शामिल हैं। प्रत्येक हॉटस्पॉट के लिए विशिष्ट कार्य योजनाएँ तैयार की गई हैं। नोएडा प्राधिकरण को क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करने के लिए भी कहा गया है, जो इसका प्रमुख कारण है। इस साल की लिस्ट में तीन नए इलाके शामिल किए गए हैं, जिनके आसपास निर्माण गतिविधियां चल रही हैं।
इन इलाकों में भी हवा जहरीली
प्रदूषण के अन्य मुख्य केंद्र यमुना पुश्ता, सेक्टर 116/115/7X, नोएडा एक्सप्रेसवे, दादरी रोड, सेक्टर 62-104 खंड, दिल्ली की ओर सेक्टर 62 रोड और एमिटी यूनिवर्सिटी के आसपास का क्षेत्र हैं। उत्सव शर्मा ने कहा, 'कंस्ट्रक्शन वर्क्स, सड़क की धूल और यातायात से निकलने वाली धूल को क्षेत्र में PM10 और PM2.5 के स्तर में वृद्धि के प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया है। प्रदूषण के हॉस्पॉट में इस बार नोएडा सेक्टर 151-158, सेक्टर 50-51 और सेक्टर 140-143 शामिल हो गया है।
प्राधिकरण को दिए गए यह निर्देश
सेक्टर 116/115/7x, नोएडा एक्सप्रेसवे, दादरी रोड और सेक्टर 62-104 खंड में, नोएडा प्राधिकरण को पानी के छिड़काव और मैकेनिकल स्वीपिंग शुरू करने का निर्देश दिया गया है. यातायात पुलिस को एक्सप्रेसवे और अन्य व्यस्त खंडों पर यातायात के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त जनशक्ति तैनात करने का निर्देश दिया गया है. सेक्टर 150-158 के लिए प्राधिकरण को साप्ताहिक सड़क धुलाई और धूल हटाने के लिए एसओपी तैयार करने का निर्देश दिया गया है।