- सेक्टर 45 में 4.76 एकड़ में तैयार होगा प्रोजेक्ट, मिलेंगे 3 और 4 लग्जरी बीएचके
Noida News : नोएडा को अब तक ट्विन टावर भले ही रास नहीं आया हो, लेकिन अब फिर से ऐसा ही एक और टावर बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। इन ट्विन टावर का निर्माण नोएडा के सेक्टर-45 में किया जाएगा। 4.76 एकड़ में तैयार होने वाले इस प्रोजेक्ट में लोगों को 3 बीएचके और 4 बीएचके बेहद आलीशान फ्लैट मिलेंगे। इनमें विदेशों जैसा सुपर लग्जरी लाइफस्टाइल मिलेगा। ट्विन टावर का निर्माण सिंगापुर की मशहूर कंपनी एक्सपीरियन डेवलपर्स द्वारा किया जाएगा।
एफडीआई के वित्त पोषित है कंपनी
एक्सपीरियन डेवलपर्स पूर्ण रूप से एफडीआई वित्तपोषित और सिंगापुर की एक्सपीरियन होल्डिंग्स पीटीई लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। नोएडा के सेक्टर 45 में एक्सपीरियन डेवलपर्स पहला प्रोजेक्ट लाने के साथ नोएडा के रियल एस्टेट बाजार में अपने कदम रख रही है। कंपनी नोएडा में लग्जरी लाइफ स्टाइल को बरकरार रखते हुए ग्रीन बिल्डिंग के लिए GRIHA प्री-सर्टिफाइड है। दिल्ली एनसीआर का यह पहला प्रोजेक्ट होगा जिसमें हर अपार्टमेंट के लिए ईवी चार्जिंग पाइंट, किक बॉक्सिंग, पिक्कल बॉल कोर्ट, एक्टिव पेट पार्क सहित कई खास सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
गुरुग्राम में हो चुकी दमदार एंट्री
सिंगापुर की नामी कंपनी एक्पीरियन होल्डिंग्स पिछले डेढ़ साल से भारत में पांव पसार रही है। इस दौरान उसने 2100 करोड़ रुपये में गुरुग्राम की सबसे महंगी लोकेशन पर पांच प्लॉट खरीदे हैं। डेढ़ महीने पहले ही इस कंपनी ने गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे पर 400 करोड़ की कीमत में 7.8 एकड़ का प्लॉट खरीदा था, जिस पर प्रीमियम फ्लैट्स बनाए जाएंगे।
लग्जरी प्रॉपर्टी बनाने का नजर
कंपनी का मकसद 2000 करोड़ रुपये और इनवेस्ट करके 30 लाख स्क्वेयर फीट की लग्जरी प्रॉपर्टी तैयार करना है। कंपनी के सीओओ बीके मलगई को उम्मीद है कि सेक्टर 88A में इसी साल काम शुरू हो जाएगा और इससे 3700 करोड़ का राजस्व हासिल होगा।
नोएडा में गिरे थे ट्विन,अब गुरुग्राम में तैयारी
सुपरटेक द्वारा सेक्टर-93 में बनाए गए ट्विन टावर को अगस्त 2022 में ध्वस्त किया गया था। मात्र आठ सेकंड में इन गगनचुंबी टावरों को ध्वस्त कर दिया गया था। वहीं इस वर्ष जून में गुरुग्राम में चिंटेल्स पैराडाइसो सोसाइटी के असुरक्षित पांच टावरों को तोड़ने के लिए प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। प्रशासन ने सात विभागों की टीमें बना दी थीं। एक फ्लैट गिरने के बाद हुई मौतों के बाद आईआईटी ने इसे रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर कई टावर को खाली करने की सिफारिश की थी।