Tricity Today | राघव सिंह भदौरिया और माधव करन अग्रवाल
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब नोएडा-एनसीआर में दहशत और अस्पतालों के अंदर-बाहर मौत का मंजर न्यूज चैनलों पर दिखने लगा, तो शहर में रहने वाले दो छात्र बेहद आहत हुए। फिर उन्होंने अपने हुनर से नोएडा ही नहीं, बल्कि पूरे देश के शहरों में इस तरह के मच रहे हाहाकार से कोरोना संक्रमण पीड़ित व उनके परिवार की मदद की ठानी। इन दोनों ने मिलकर आपकी उम्मीद डॉट इन नाम की एक वेबसाइट लांच कर दी। इस वेबसाइट पर कोरोना के रोजाना के केस के अपडेट के साथ-साथ देश के राज्यों व शहर के कोविड अस्पतालों की सूची, ऑक्सीजन व वेटीलेंटर युक्त बेड की उपलब्धता और प्लाज्मा की जानकारी मिल जाती है।
कोरोना संकट की दूसरी लहर में कई राज्यों व शहरों में पीड़ित लोगों ने इस वेबसाइट पर सर्च कर अपना समाधान खोजा और राहत पाई। इस वेबसाइट को एक बड़ी एनजीओ हइया ने भी अपनी सूची में दर्ज कर रखा है। इसे डेवलप करने वाले दोनों ही दोस्त डीपीएस नोएडा सेक्टर-30 में 11वीं के छात्र राघव सिंह भदौरिया व माधव करन अग्रवाल हैं। राघव इससे पहले ड्रोन प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। जिसमें बिना मास्क के शहर में घूमने वालों की तस्वीर खींच कर भेजी जा सकती है।
खबरें देखकर विचलित हो उठे
आयकर विभाग में तैनात अधिकारी श्योदान सिंह के बेटे राघव सिंह भदौरिया सेक्टर-47 में रहते हैं। जबकि माधव करन अग्रवाल सेक्टर-41 में रहते हैं। दोनों दोस्त कोविड को लेकर पिछले एक साल से शहर और देश में हो रहे रोजाना परिवर्तन, लॉकडाउन व कोरोना से बीमार लोगों की दिक्कतों को महसूस कर रहे थे। लेकिन एक माह पहले अचानक दूसरी लहर ने दिल्ली-एनसीआर में त्राहि-त्राहि मचा दी। अस्पतालों के बेड फुल हो गए। ऑक्सीजन की किल्लत व अस्पतालों के बाहर लगी लंबी लाइनों को न्यूज चैनलों पर देख दोनों दोस्त विचलित हो उठे।
वेबसाइट बना कर मदद करने की ठानी
मदद न कर पाने का मलाल हुआ। तब उन्होंने वेबसाइट बना कर मदद करने की ठानी और आपकी उम्मीद डॉट इन वेबसाइट लांच की। जिसमें पूरे देश के छोटे से छोटे शहर के कोविड अस्पतालों के नंबर, बेड की उपलब्धता और ऑक्सीजन व वेटीलेंटर युक्त बेड और प्लाज्मा के साथ शहरवार कोविड केस का जानकारी मिलती है। इसका हर दिन का अपडेट मौजूद रहता है। वेवबसाइट बनाने वाले राघव सिंह भदौरिया के पिता व मां के मुताबिक बेटे की वेबसाइट को लेकर बिहार-कर्नाटक तक से कॉल आए।
150 से ज्यादा लोगों की मदद हुई
150 से ज्यादा ऐसे लोगों की मदद हुई, जो अस्पताल न मिलने पर अपनों को खोने की कगार पर थे। लेकिन इस वेबसाइट पर दिए गए कोविड अस्पतालों व बेड की जानकारी लेकर उन लोगों ने अपनों को खोने से बचाया। जिसकी खुशी बेटे व उसके दोस्तों को ही नहीं, परिवार को भी है। इस वेबसाइट पर अब ब्लैक फंगस की डिटेल भी जल्द ही अपडेट की जायेगी। ताकि इस बीमारी से भी लोगों को इधर-उधर न भटकना पड़े और मरीजों को सही अस्पताल में उचित इलाज मिल सके।