यूनिटेक के घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए 

रियल एस्टेट से बड़ी खबर : यूनिटेक के घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए 

यूनिटेक के घर खरीदारों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए 

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Noida News : यूनिटेक के घर खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण और राहत भरी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के अधूरे रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स को फिर से शुरू करने के लिए पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक समेत कई अन्य राज्यों को दो हफ्ते के भीतर मंजूरी देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को भी आदेश दिया है कि वह सेक्टर 96, 97, 98, 113 और 117 में स्थित यूनिटेक की परियोजनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक अनुमति जारी करे। यह कदम उन घर खरीदारों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है, जो लंबे समय से इन आवासीय परियोजनाओं के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। 

कोर्ट का आदेश और पिछले घटनाक्रम
साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक का नया बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स नियुक्त किया था, जिसके बाद से कंपनी के प्रोजेक्ट्स में तेजी से काम शुरू होने की उम्मीद बनी थी। कोर्ट के ताजे आदेश के बाद यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स को फिर से गति मिलेगी, जिनमें से कई परियोजनाएं पहले फंड डायवर्जन के कारण रुकी हुई थीं। एक फोरेंसिक जांच के दौरान यह खुलासा हुआ था कि कंपनी के फंड का गलत तरीके से उपयोग किया गया था, जिसके बाद इन परियोजनाओं की प्रगति में रुकावट आई थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए संबंधित राज्यों को अपनी मंजूरी देने के लिए निर्देशित किया है। 

इन राज्यों में हैं यूनिटेक के प्रोजेक्ट
यूनिटेक के कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं, जिनमें कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुरुग्राम, अंबाला, रेवाड़ी, चेन्नई, बेंगलुरु, मोहाली और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं। नोएडा में यूनिटेक की प्रमुख परियोजना यूनिटेक गोल्फ कोर्स कंट्री (UGCC) है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना 14 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें तीन सोसाइटी - एम्बर, बरगंडी और विलॉज शामिल हैं। 

इसलिए रुके थे प्रोजेक्ट
यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स में रुकावट का कारण नोएडा अथॉरिटी और कंपनी के बीच बकाया भुगतान को लेकर विवाद था। इससे पहले यह परियोजना रुकी हुई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि बकाया राशि की वसूली बाद में की जाए और तत्काल प्रभाव से प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू किया जाए। इससे उन घर खरीदारों को राहत मिलेगी जिन्होंने लंबे समय से अपनी परियोजना का इंतजार किया था। 

ग्राहकों को एक और मौका
सुप्रीम कोर्ट ने उन ग्राहकों के लिए एक और अवसर प्रदान किया है, जिन्होंने पहले अपनी फ्लैट बुकिंग रद्द करके पैसे वापस ले लिए थे। अब इन ग्राहकों को 31 दिसंबर तक यह विकल्प दिया गया है कि वे अपने बुक किए गए फ्लैट को फिर से रख सकते हैं। यह आदेश उन लोगों के लिए राहत का कारण बन सकता है, जिन्होंने पहले फ्लैट बुकिंग रद्द की थी और अब वे अपना मन बदल सकते हैं। 

कंपनी और बायर्स दोनों को मिलेगा लाभ
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से यूनिटेक के घर खरीदारों को एक बड़ी राहत मिली है। अब वे उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी अधूरी परियोजनाओं पर जल्द काम शुरू होगा और उन्हें उनका घर मिलेगा। साथ ही, उन घर खरीदारों को भी दूसरा मौका मिलेगा जिन्होंने पहले अपनी बुकिंग रद्द कर दी थी। यह कदम यूनिटेक के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है और प्रोजेक्ट्स के पूरा होने की दिशा में तेजी आएगी।

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