कमाई लाखों में और खर्च करोड़ों में, जांच में हुए ये चौंकाने वाले खुलासे

निलंबित ओएसडी रविंद्र सिंह यादव पर विजिलेंस का शिकंजा : कमाई लाखों में और खर्च करोड़ों में, जांच में हुए ये चौंकाने वाले खुलासे

कमाई लाखों में और खर्च करोड़ों में, जांच में हुए ये चौंकाने वाले खुलासे

Tricity Today | रविंद्र सिंह यादव

Noida News : उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने 13 फरवरी 2023 को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन ओएसडी रविंद्र सिंह यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित किया था। उस कार्रवाई के बाद अब विजिलेंस जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं। शनिवार को विजिलेंस टीम ने उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के स्कूल पर छापेमारी की, जहां बड़ी मात्रा में दस्तावेज और साक्ष्य जब्त किए गए।

जांच के चौंकाने वाले आंकड़े
विजिलेंस रिपोर्ट के मुताबिक, रविंद्र सिंह यादव ने 1 जनवरी 2005 से 31 दिसंबर 2018 के बीच 94,49,888 रुपये की वैध आय अर्जित की। लेकिन इसी अवधि में उन्होंने 2,44,38,547 रुपये का खर्च दिखाया। इसका मतलब है कि उन्होंने 1,49,88,959 रुपये अतिरिक्त खर्च किए, जिसके स्रोत का कोई वैध विवरण नहीं दिया गया। इसके अलावा, जांच में पाया गया कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और संपत्ति अर्जित करने में भ्रष्टाचार का आरोप पहले ही लग चुका है।

मंत्री नंदी ने दिए थे विजिलेंस जांच के आदेश
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में जारी भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए इस मामले को विजिलेंस जांच के दायरे में लाने का निर्देश दिया था। जांच में यह भी सामने आया है कि यादव ने अपने आय स्रोतों से मेल नहीं खाने वाली संपत्तियां अर्जित की हैं। SP विजिलेंस का कहना है कि रविंद्र यादव के नोएडा और इटावा के घर में आय से अधिक संपत्ति के होने पर छापेमारी की गयी है। 

विजिलेंस की छापेमारी और जब्ती
शनिवार को हुई छापेमारी के दौरान, विजिलेंस टीम ने उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के एक स्कूल पर जांच की। स्कूल की संपत्ति और निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं के संकेत मिले हैं। छापेमारी के दौरान टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, बैंक लेनदेन के रजिस्टर और संपत्ति से जुड़े कागजात जब्त किए हैं।

क्या है पूरा मामला?
    •    आय और व्यय में बड़ा अंतर: 13 साल के कार्यकाल में यादव ने वैध आय से डेढ़ करोड़ रुपये अधिक खर्च किए।
    •    संपत्ति का कोई वैध स्रोत नहीं: विजिलेंस की रिपोर्ट के अनुसार, यादव अतिरिक्त संपत्ति अर्जित करने का कोई वैध सबूत नहीं दे सके।
    •    इटावा में स्कूल का मामला: इटावा के स्कूल को लेकर भी वित्तीय अनियमितताओं और अवैध धन के उपयोग की शिकायतें हैं।

ओएसडी पर विभागीय जांच जारी
मंत्री नंदी के आदेश पर रविंद्र सिंह यादव के खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। विजिलेंस की रिपोर्ट को आधार बनाकर अब उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

आगे की कार्रवाई
जांच पूरी होने के बाद विजिलेंस द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा है। यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि प्रदेश सरकार और मंत्री नंदी प्राधिकरण में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विजिलेंस की यह कार्रवाई नोएडा-ग्रेटर नोएडा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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