NOIDA NEWS : वेव सिटी सेंटर (Noida City Center) के सैकड़ों खरीदारों ने बुधवार की दोपहर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के मुख्यालय पर प्रदर्शन किया है। इन लोगों ने अपने हकों को सुरक्षित करने की मांग प्राधिकरण से की है। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण की कार्यवाही के बाद कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal) में याचिका दाखिल की है। ऐसे में यह लोग अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश करके फस गए हैं। कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खरीददार नोएडा सेक्टर-6 प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे।
दिल्ली-एनसीआर की अग्रणी रियल स्टेट कंपनी वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए दिल्ली स्थित एनसीएलटी में आवेदन दिया है। वेव मेगा सिटी सेंटर ने अपने दिवालिएपन के लिए नोएडा प्राधिकरण को कसूरवार ठहराया है। एनसीएलटी को दिए आवेदन में वेव मेगा सिटी सेंटर के मैनेजमेंट ने क्रमवार ढंग से अपना पक्ष रखा है। प्रबंधकों ने प्राधिकरण पर जानबूझकर और अन्यायपूर्ण ढंग से जमीन वापस लेने और दो टॉवर सील करने का आरोप लगाया है।
वेव मेगा सिटी सेंटर के प्रबंधकों का कहना है कि अगर प्राधिकरण जबरिया जमीन पर कब्जा नहीं लेता और अपनी पॉलिसी के मुताबिक परिस्थितियों को नहीं बिगड़ता तो कम्पनी को इतना भारी नुकसान नहीं उठाना पड़ता। ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि वेव मेगा सिटी सेंटर ने इस परियोजना में 3,800 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसमें इसके प्रमोटर्स और उनके सहयोगियों का 2,213 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इसके अलावा बैंक ऋण के रूप में 200 करोड़ रुपये की राशि ली गई है। खरीदारों ने करीब 1,400 करोड़ रुपये की शेष राशि का भुगतान किया है। इसमें से 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान विभिन्न सरकारी एजेंसियों को किया गया है। इसमें नोएडा प्राधिकरण को करीब 1,600 करोड़ रूपये का भुगतान शामिल है।
वेव मेगा सिटी सेंटर ने एनसीएलटी को दिए अर्जी में लिखा, “नोएडा के सेक्टर-25 और सेक्टर-32 के बीच स्थित वेव मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2011 में लीज होल्ड के आधार पर 6.18 लाख वर्ग मीटर जमीन खरीदा था। इसके लिए ग्रुप ने 1.07 लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से 6,622 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। मूल योजना के हिसाब से पुनर्भुगतान की अवधि पहले दो साल मोरेटोरियम के बाद 16 अर्द्ध वार्षिक किश्तों में थी। हर किश्त में मूल राशि और ब्याज की राशि शामिल थी। दिसम्बर 2016 में खरीदारों को समय पर युनिट्स की डिलीवरी देने तथा किश्तों पर बकाया राशि की वसूली के लिए नोएडा प्राधिकरण प्रोजेक्ट सेटलमेंट पॉलिसी लेकर आया।”
इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वह मेगा सिटी सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के प्रॉपर्टी खरीददारों ने बुधवार की दोपहर नोएडा में प्राधिकरण मुख्यालय पर प्रदर्शन किया है। खरीदारों का कहना है कि उन्हें कंपनी और प्राधिकरण के विवाद से कोई सरोकार नहीं है। कंपनी ने अब तक उन्हें संपत्ति पर कब्जा नहीं दिया है। जबकि वह लोग करोड़ों रुपए का भुगतान कर चुके हैं। ऐसे में अगर कंपनी दिवालिया घोषित कर दी जाएगी तो उनके हक मारे जाएंगे। खरीदारों ने कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्राधिकरण अफसरों से मांग की है कि वे उनके हितों को सुरक्षित करें। खरीदारों की ओर एक लिखित ज्ञापन प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु महेश्वरी को भेजा गया है।
आपको बता दें कि वेव मेगा सिटी सेंटर समूह ने एनसीएलटी में दाखिल याचिका में कहा है, “नोएडा अथॉरिटी की पीएसपी पॉलिसी के तहत डेवलपर्स को प्राधिकरण के पास जमा की गई राशि के 85 फीसदी के समकक्ष ज़मीन रखने की अनुमति दी गई। साथ ही, प्राधिकरण को शेष 15 फीसदी राशि जब्त कर रखनी थी। इस राशि को स्टैम्प ड्यूटी, पीनल (दंडात्मक) ब्याज, शुल्क वसूली एवं अन्य स्थानिक शुल्क के भुगतान के लिए विचाराधीन नहीं किया गया। इस पॉलिसी के तहत, वेव मेगा सिटी सेंटर 1227 करोड़ रुपये के समकक्ष ज़मीन रख सकता था। पीएसपी के मुताबिक 1.07 लाख वर्ग मीटर की आवंटन दर पर वेव मेगा सिटी सेंटर 1.14 लाख वर्ग मीटर जमीन रख सकता था। प्राधिकरण ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वेव मेगा सिटी सेंटर को 56,400 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया। इसमें कहा गया है कि आवंटन 15% समायोजित करने के बाद 709 करोड़ रुपये की मूल राशि के हिसाब से किया गया था। प्राधिकरण ने भूमि के इस हिस्से को भुगतान किया माना और उसे सील नहीं किया।