हम विभाजन के दर्दनाक इतिहास को दोबारा नहीं होने देंगे

मोहन भागवत नोएडा में बोले- हम विभाजन के दर्दनाक इतिहास को दोबारा नहीं होने देंगे

हम विभाजन के दर्दनाक इतिहास को दोबारा नहीं होने देंगे

Tricity Today | भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर

Noida : नोएडा सेक्टर 12 स्थित भाऊराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचलाक डॉ. मोहनराव भागवत ने कृष्णानन्द सागर की पुस्तक ‘विभाजनकालीन भारत के साक्षी’ का विमोचन किया। इस अवसर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए मोहनराव भागवत ने कहा कि मातृभूमि का विभाजन न मिटने वाली वेदना है और यह वेदना तभी मिटेगी जब विभाजन निरस्त होगा। उन्होने कहा कि पूर्व में हुईं गलतियों से दुखी होने की नहीं अपितु सबक लेने की आवश्यकता है। गलतियों को छिपाने से उनसे मुक्ति नहीं मिलेगी।
 
इस्लाम के नाम पर विभाजन किया

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित करते हुए कहा “यह राजनीति नहीं हमारे अस्तित्व का विषय है। इससे किसी को सुख नहीं मिला। भारत की प्रवृत्ति विशिष्टता को अपनाने की है। अलगाव की प्रवृत्ति वाले तत्वों के कारण देश का विभाजन हुआ। हम विभाजन के दर्दनाक इतिहास का दोहराव नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा विभाजन का उपाय, उपाय नहीं था। विभाजन से न तो भारत सुखी है और न वे सुखी हैं जिन्होंने इस्लाम के नाम पर विभाजन किया।”

 डॉ. मोहनराव भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचलान ने विभाजन की विभीषिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसे तब से समझना होगा जब भारत पर इस्लाम का आक्रमण हुआ और गुरु नानक देव जी ने सावधान करते हुए कहा था, यह आक्रमण देश और समाज पर हैं किसी एक पूजा पद्धति पर नहीं। इस्लाम की तरह निराकार की पूजा भारत में भी होती थी। किन्तु उसको भी नहीं छोड़ा गया क्योंकि इसका पूजा से सम्बन्ध नहीं था। अपितु प्रवत्ति से था और प्रवत्ति यह थी कि हम ही सही हैं, बाकी सब गलत हैं और जिनको रहन है उन्हें हमारे जैसा होना पड़ेगा या वे हमारी दया पर ही जीवित रहेंगे। इस प्रवत्ति का लगातार आक्रमण चला और हर बार मुंह की कहानी पड़ी।

विभाजन इस्लामिक और अंग्रेजों के आक्रमण का नतीजा
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि विभाजन इस्लामिक और अंग्रेजों के आक्रमण का नतीजा है। विभाजन एक सोचे समझे षडयंत्र का परिणाम है। भारत को तोड़ने का प्रयास सफल नहीं होने देंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित विभाजनकाल के प्रत्यक्षदर्शियों को डॉ. मोहनराव भागवत ने सम्मानित भी किया।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.