जहां कभी बच्चे करते थे नशा वहां गांव के लड़कों ने बनाई जिले की पहली डिजिटल लाइब्रेरी, निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही ये सुविधाएं

गौतमबुद्ध नगर : जहां कभी बच्चे करते थे नशा वहां गांव के लड़कों ने बनाई जिले की पहली डिजिटल लाइब्रेरी, निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही ये सुविधाएं

जहां कभी बच्चे करते थे नशा वहां गांव के लड़कों ने बनाई जिले की पहली डिजिटल लाइब्रेरी, निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही ये सुविधाएं

Tricity Today | जिले की पहला डिजिटल लाइब्रेरी

Noida News : नोएडा के झुंडपुडा गांव मे गौतमबुद्ध नगर जिले की पहला डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। लाइब्रेरी को गांव के लोग फंड राइस कर के चला रहे है। वहीं, लाइब्रेरी की शुरुआत 4 साल पहले लाइब्रेरी नाम से मशहूर रामबीर सिंह नामक स्थानीय युवक ने किया थी।  फिलहाल, लाइब्रेरी को पूरी तरह डिजिटल लाइब्रेरी बना दिया गया है। जहां रोजाना अलग-अलग प्रतियोगिता परीक्षाओ की तैयारी कर रहे सैकड़ो बच्चे आकर पढ़ते है।

दिल्ली के बच्चे भी लाइब्रेरी में पढ़ने आते
झुण्डपुडा लाइब्रेरी पूरी तरह से डिजिटल है। वहीं, इसका एख रखरखाव कर रहे रामबीर के मुताबिक ये जिले की पहला डिजिटल लाइब्रेरी है। जिसमे बच्चों की एंट्री, किताबो की एंट्री डिजिटली की जाती है। वहीं, लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ने के लिए साइबर कैफे के तरह सिंगल विंडो बना दिया है। जिसमे लाइट से लेकर इंटरनेट तक की व्यवस्था है, जिस से बच्चे ऑनलाइन क्लासेस ले लेते है। नोएडा के साथ-साथ दिल्ली से भी बच्चे लाइब्रेरी में पढ़ने आते है। इसके साथ ही लाइब्रेरी में समय समय पर कई अन्य गतिविधियां भी कराई जाती है। ताकि बच्चे अपने सपनो को लेकर और मोटिवेट हो सके।

ऐसी बनी नशा करने वाली जगह लाइब्रेरी
रामबीर ने बताया कि आज से 4 साल पहले मैंने अपने गांव झुण्डपुडा में बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोलने का सपना देखा था। दरसल, गांव मे बने पंचायत भवन आज से 4 साल पहले पूरी तरह वीरान पड़े थे, जो बच्चों के लिया नशा करने का अड्डा बन गया था। पंचायत भवन को स्तिथि को देख गांव के बुजुर्गों से बात कर मैंने पंचायत भवन में लाइब्रेरी खोलने की कवायद शुरू की। हमने गांव के लोगो के साथ मिलकर लाइब्रेरी शुरू कर दी। 

इस तरह धीरे-धीरे बनी जिले ऐसी पहली लाइब्रेरी
रामबीर ने बताया कि पहले लाइब्रेरी में दरी पर बैठ के बच्चे पढ़ते थे। धीरे-धीरे ग्रामीणों के मदद से हमने लाइब्रेरी को जिले की ऐसी पहला लाइब्रेरी बना दिया जहां बच्चे निःशुल्क आ कर पढ़ सकते है। इसी के बाद मैंने अपनी टीम के साथ ग्राम पाठशाला की शुरुआत की। जिसके तहत पूरे गौतमबुद्ध नगर में हमने ग्रामीण इलाकों में 35 वही ओर देश मे 250 लाइब्रेरी का निर्माण करवाया है। लाइब्रेरी को हम पुरी तरह गांव से फंड राइस कर के ही चलाते है।

लाइब्रेरी में मिल रही बच्चों सभी सुविधाएं
वहीं, यहां पढ़ने आने वाले बच्चों ने बताया कि झुंडपुरा की लाइब्रेरी में बच्चों के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। यहां निशुल्क बच्चे आकर पढ़ सकते हैं। बच्चों ने बताया कि लाइब्रेरी में लंच ब्रेक के दौरान बच्चे आपस में डिस्कशन भी करते हैं और कई अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियां कर रहे बच्चे एक दूसरे की मदद भी करते हैं। बता दे कि लाइब्रेरी में खास बात यह है कि यहां बच्चों से बात करने पर पता चलता है की उन्हें लाइब्रेरी के बारे में उनके किसी अपने ने ही बताया है, जो इस लाइब्रेरी से पढ़कर नौकरी कर रहे हैं। बच्चों ने बताया कि लाइब्रेरी में फ्री इंटरनेट की पीने की पानी की व्यवस्था है। वहीं, हर केबिन में बोर्ड की व्यवस्था की गई है ताकि लैपटॉप और मोबाइल का चार्जर लगा कर आसानी से ऑनलाइन क्लासेस लिया जा सके। साथी एक लाइट भी लगाया गया है ताकि पढ़ने में रोशनी की कमी ना पड़े।

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