12 साल से झेल रहे समस्या फिर भी समाधान नहीं, इस प्रोजेक्ट के बनते ही खत्म होती परेशानी

नोएडा से दिल्ली के बीच क्यों लगता है इतना जाम? 12 साल से झेल रहे समस्या फिर भी समाधान नहीं, इस प्रोजेक्ट के बनते ही खत्म होती परेशानी

12 साल से झेल रहे समस्या फिर भी समाधान नहीं, इस प्रोजेक्ट के बनते ही खत्म होती परेशानी

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Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा से रोजाना लाखों लोग दिल्ली जाते हैं। ऐसे में उन्हें घंटों तक जाम का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। दिल्ली जाने के लिए एनसीआर वालों को चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी बॉर्डर से गुजरना पड़ता है, जहां पर जाम काफी ज्यादा लगता है। इस समस्या का अधिकारियों को 10 साल पहले ही पता चल गया था और उन्होंने एक समाधान भी निकाला था, लेकिन उस समाधान को लागू करने में कम से कम 3 साल और लगने वाले है। 

चिल्ला एलिवेटेड रोड दिलाएगा जाम से निजात
जानकारी के अनुसार, साल 2012 में नोएडा अथॉरिटी ने एक उपाय सुझाया था। उन्होंने शाहदरा नाले के किनारे 5.5 किलोमीटर लंबा और छह लेन का फ्लाईवे बनाने की योजना बनाई, ताकि ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सके। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण जरूरी है, जिससे मयूर विहार-महामाया के ट्रैफिक जाम से बचा जा सकेगा। एलिवेटेड रोड पर नोएडा के अलग-अलग हिस्सों से आने-जाने के लिए अलग से एंट्री और एग्जिट पॉइंट बनाए जाएंगे। अब इस प्रोजेक्ट को बनाने में कम से कम तीन साल लग जाएंगे। ऐसे में अगर इसी साल फ्लाईओवर का निर्माण शुरू हो जाए तो उम्मीद है कि 2027 तक यह रोड बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि इसका निर्माण कब शुरू होगा।

12 सालों से अटका हुआ है प्रोजेक्ट
भले ही इस प्रोजेक्ट की योजना 2012 में बना ली गई थी, लेकिन कई चुनौतियों की वजह से इसें मंजूरी मिलने में देरी हुई। फ्लाईओवर की मंजूरी की प्रक्रिया में 6 साल लग गए। इसकी शुरुआत 2013 में ही ग्राउंड पर स्टडी से हुई, लेकिन इस प्रोजेक्ट को दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से मंजूरी दिसंबर 2018 को मिली। इसके अलावा दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के अंतर्गत आने वाले एजेंसी यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर (प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग) सेंटर से 14 दिसंबर 2018 को मिली।

समय के साथ बढ़ती रही लागत 
ब्रिज कॉर्प एक संशोधित अप्रैल 2022 में परियोजना के लिए 1,076 करोड़ अनुमान लेकर आया। निर्माण डिजाइन में बदलाव हुआ, जिसकी वजह से काम में बदलाव आया। जिसके बाद नोएडा अथॉरिटी ने लागत को खारिज कर दिया। ब्रिज कॉर्प फिर सितंबर 2022 में 912 करोड़ रुपये का अनुमान लेकर आया। कोरोना महामारी के कारण लागत बढ़ गयी। अभी नोएडा प्राधिकरण इस प्रोजेक्ट पर विचार कर रहे है।

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