दुनिया में नई बीमारी की दस्तक, आंखों में हो रहा डिजिटल तनाव 

नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में World Sight Day : दुनिया में नई बीमारी की दस्तक, आंखों में हो रहा डिजिटल तनाव 

दुनिया में नई बीमारी की दस्तक, आंखों में हो रहा डिजिटल तनाव 

Google Image | Symbloic Image

Noida News : डिजिटल उपकरणों के बढ़ते उपयोग की आदत से दुनिया में अब एक नई बीमारी ने दस्तक दी है। विश्व दृष्टि दिवस पर सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में नेत्र विशेषज्ञों ने तेजी से पैर पसार रहे ​डिजिटल तनाव की बीमारी पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इलेक्ट्रानिक गैजेट्स के इस्तेमाल से आंखों पर डिजिटल आई स्ट्रेन तेजी से बढ़ रहा है। कार्यक्रम में 'कार्यस्थल पर नेत्र स्वास्थ्य' के बारे में जागरूक किया गया। पीजीआईसीएच के निदेशक डॉ. एके सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यस्थल पर अपने नेत्र स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और उसकी रक्षा करना महत्वपूर्ण है।

आंखों को तनाव कम करने के उपाय
प्रोफेसर डॉ. दिव्या जैन ने बताया कि #LoveYourEyes के लिए आज ही अपने वर्क स्टेशन में सरल बदलाव करें और आंखों के डिजिटल तनाव को कम करें। हर 20 मिनट में कम से कम 20 सेकेंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। अपना चश्मा पहनें। यदि आपको अपनी दृष्टि को ठीक करने के लिए चश्मे का उपयोग करने की सलाह दी गई है, तो सुनिश्चित करें कि आप उन्हें पहनें। अपनी नियमित नेत्र जांच कराएं और अपने नेत्र चिकित्सक से असुविधा और तनाव को कम करने उपाय पूछें।
कंप्यूटर स्क्रीन को सही स्थिति में रखें
डॉ. दिव्या जैन ने बताया कि ज्यादातर लोगों को लाभ होता है यदि कंप्यूटर स्क्रीन आंखों के स्तर से 15 से 20 डिग्री नीचे (लगभग 10 सेमी या 12 सेमी) स्क्रीन के केंद्र से और आंखों से 50 सेमी से 70 सेमी दूर हो। अधिक बार पलकें झपकाने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित करें। यदि आवश्यक हो तो अपनी आंखों को नम रखने के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि चकाचौंध से बचने के लिए अपने कंप्यूटर स्क्रीन को सही स्थिति में रखें और असुविधा से बचने के लिए एंटीग्लेयर स्क्रीन या स्क्रीन प्रोटेक्टर आजमाएं।
इन आदतों से हो सकता है डिजिटल स्ट्रेन
आई स्पेशलिस्ट अमन चोपड़ा ने बताया कि कम या ज़्यादा रोशनी वाले क्षेत्र में काम करने से भी आंखों में खिंचाव हो सकता है। मोबाइल स्क्रीन पर पढ़ना या पूरी तरह से अंधेरे कमरे में ज़्यादा चमक वाली डिजिटल स्क्रीन पर मूवी देखना, हद से ज़्यादा लाइट सेटिंग्स वाले स्टूडियो में काम करना और स्ट्रोब लाइट सेटिंग्स आदि के साथ शूटिंग करना। इन परिस्थितियों में काम करने से आंखों की मांसपेशियों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे आंखों में तनाव होता है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.