ZEE News ने दर्ज करवाई अपने मुलाजिमों पर एफआईआर, राहुल गांधी की छवि खराब करने का आरोप

बड़ी खबर : ZEE News ने दर्ज करवाई अपने मुलाजिमों पर एफआईआर, राहुल गांधी की छवि खराब करने का आरोप

ZEE News ने दर्ज करवाई अपने मुलाजिमों पर एफआईआर, राहुल गांधी की छवि खराब करने का आरोप

Google Image | एंकर रोहित रंजन

Noida News : खबरिया चैनल ज़ी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार की सुबह से हंगामा बरपा हुआ है। छत्तीसगढ़ पुलिस गाजियाबाद और नोएडा में डेरा डालकर पड़ी है। रोहित रंजन की तलाश कर रही है। दूसरी ओर ज़ी न्यूज़ की ओर से मंगलवार की सुबह अपने 2 मुलाजिमों के खिलाफ नोएडा के थाना सेक्टर-20 में एक एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिसमें जी न्यूज ने इन दोनों कर्मचारियों पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। इसी एफआईआर के आधार पर नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को पहले हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई और फिर उन्हें थाने से जमानत दे दी गई। अब रोहित रंजन कहां हैं? किसी को पता नहीं है।

क्या है मामला
ज़ी न्यूज़ छोड़कर गए पूर्व एडिटर इन चीफ और सीईओ सुधीर चौधरी के मशहूर कार्यक्रम डीएनए को उनकी गैरमौजूदगी में रोहित रंजन पेश कर रहे थे। इसी दौरान राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की जघन्य हत्या कर दी गई। दूसरी ओर वायनाड में राहुल गांधी के दफ्तर पर स्थानीय युवकों ने तोड़फोड़ की। वायनाड पहुंचे राहुल गांधी ने इस मामले पर मीडिया से बातचीत की और कहा, "जिन युवकों ने यह सब किया है, उन्हें इसकी गंभीरता और कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं है। लिहाजा, मैं उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करना चाहता हूं। उन्होंने शायद यह सबकुछ अनजाने में किया है।" ज़ी न्यूज़ के कार्यक्रम डीएनए में राहुल गांधी का यह बयान उदयपुर की वारदात से जोड़कर प्रसारित कर दिया गया। जिसके खिलाफ कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किए। छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में रोहित रंजन के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए गए।

रोहित की गिरफ्तारी को लेकर भिड़ीं 2 राज्यों की पुलिस
छत्तीसगढ़ पुलिस मंगलवार की सुबह रोहित रंजन के खिलाफ वारंट लेकर गाजियाबाद पहुंची। आरोप है कि छत्तीसगढ़ पुलिस को गाजियाबाद पुलिस ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी नहीं करने दी। इसी बीच नोएडा से एक और पुलिस टीम गाजियाबाद में रोहित रंजन के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में थाना सेक्टर-20 ले आई। इस बारे में नोएडा के एडिशनल डीसीपी कुमार रणविजय सिंह ने बताया, "मंगलवार की सुबह ज़ी न्यूज़ के प्रबंधक वेंकटरमन की ओर से एक शिकायत दी गई है। जिसमें एक ट्रेनी प्रोड्यूसर और एक प्रोड्यूसर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

वेंकटरमन ने इस शिकायत में आरोप लगाए हैं कि इन दोनों प्रोड्यूसर ने राहुल गांधी के खिलाफ गलत वीडियो प्रसारित किया है। ऐसा प्रतीत होता है कि राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया गया। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। वेंकटरमन की शिकायत पर दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जांच में रोहित रंजन का नाम सामने आया। नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को हिरासत में लिया। उनसे पूछताछ की गई। थाना सेक्टर-20 पुलिस ने पूछताछ के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया। एफआईआर में धाराएं जमानत देने योग्य थीं। पुलिस ने उन्हें थाने से जमानत दे दी है।

थाने से रोहित रंजन गए लेकिन घर नहीं पहुंचे
नोएडा के थाना सेक्टर-20 से जमानत मिलने के बाद रोहित रंजन चले गए। वह कहां गए? इस बारे में किसी को पता नहीं है। वह देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचे हैं। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ पुलिस गाजियाबाद में उनके घर के बाहर डेरा डालकर पड़ी हुई है। कांग्रेसियों की भीड़ नोएडा में थाना सेक्टर-20 के बाहर प्रदर्शन कर रही है। इन लोगों का आरोप है कि रोहित रंजन को बचाने के लिए नोएडा पुलिस ने षड्यंत्र रचा है। जो मुकदमा मंगलवार की सुबह दर्ज किया गया, उसमें रोहित रंजन का नाम नहीं था। जिन दो प्रोड्यूसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, उनकी गिरफ्तारी और पूछताछ के बिना नोएडा पुलिस को रोहित रंजन के शामिल होने के सबूत कहां से मिल गए? दरअसल, यह फर्जी मुकदमा केवल रोहित रंजन को बचाने के लिए दर्ज किया गया है।"

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