Tricity Today | आनंदीबेन पटेल ने 123 छात्रों को किया पदक से सम्मानित
प्रयागराज राज्य विश्वविद्यालय प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल शामिल हुईं। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अनुष्का श्रीवास्तव और जयति श्रीवास्तव को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय और विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी उपस्थित रहे और अपने संबोधन से मेधावियों में नई ऊर्जा का संचार किया।
प्रयागराज प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैय्या) विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्र-छात्राओं उपाधि और पदक देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रतापगढ़ की अनुष्का श्रीवास्तव को कुलाधिपति पदक सहित दो पदक प्राप्त किया। और केपी उच्चशिक्षा संस्थान झलवा से शिक्षा प्राप्त करने वाली नैनी की जयति श्रीवास्तव को भी कुलाधिपति पदक सहित दो पदक मिले।
कार्यक्रम में कुल 41 मेधावियों को स्वर्ण पदक, 42 को रजत पदक और 40 को कांस्य पदक के साथ दो गुलाटी स्वर्ण पदक छात्राओं को दिये गये। 41 स्वर्ण पदकों में 31 पदक छात्राओं को मिले, जबकि छात्रों के केवल 10 स्वर्ण पदक ही मिले। इस अवसर पर कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने नैनी में स्थित विश्वविद्यालय के नए प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए विद्यार्थियों को कौशलयुक्त शिक्षा आवश्यक है। जिससे छोटी सी उम्र से ही शिक्षा और रोजगार मिलने पर युवा भविष्य बेहतर तरीके से तैयार होंगे, व्यावहारिक शिक्षा से युवाओं को रोजगार मिलेगा। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डाॅ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का अत्यंत महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा नीति होती है। नई शिक्षा नीति देश के विद्यार्थियों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार ज्ञान और कौशल दोनों मोर्चों पर तैयार करेगी। यह अध्ययन के साथ सीखने की प्रक्रिया पर बल देती है। विश्वविद्यालय में रज्जू भैय्या के नाम से शोध पीठ भी बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति शिक्षकों की भर्ती के अलावा अब कर्मचारियों की भर्ती भी कर सकेंगे। शासन ने कुलपति के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने का निर्णय लिया है। इसके लिए जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नये शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया जाएगा। इसमें बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा आयोग का विलय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक नये आयोग का गठन नहीं हो जाता है, तब तक सभी भर्ती संस्थाएं यथावत अपना काम करती रहेंगी।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत राज्य के सभी विश्वविद्यालयों का 70 फीसदी पाठ्यक्रम एक समान होगा। जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों को खुद तैयार करना होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी, वर्चुअल लैब, इनोवेशन हब और एकेडमिक डाटा बैंक स्थापित करने को कहा। इसके लिए वर्ष 2025 तक का लक्ष्य भी निर्धारित किया। दिव्यांगों के लिए भी अलग लैब की स्थापना की बात कही। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों से नैतिकता, ईमानदारी, करुणा और दया जैसे गुणों को अपनाने की बात कही। आप सभी लोग सर्वगुण संपन्न जनशक्ति बनकर प्रदेश और देश के लिए योगदान कर सकेंगे।