इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण पर लगाई रोक

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण पर लगाई रोक

Google Image | इलाहाबाद हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन को लेकर एएसआई सर्वे पर रोक लगा दी है। इसके पहले वाराणसी सिविल कोर्ट ने अप्रैल में मंदिर परिसर की जांच के लिए एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने से रोक दिया है। न्यायमूर्ति प्रकाश पांडिया की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई कर यह फैसला दिया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी का सर्वेक्षण करने से रोक दिया है। वाराणसी की लोअर कोर्ट ने 8 अप्रैल को एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। वहां पर पुरातत्विक विभाग को खोदाई करने का आदेश दिया। वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की जस्टिस प्रकाश पांडिया की एकल पीठ ने इस मुकदमे की सुनवाई के बाद यह फैसला दिया।

मुस्लिम पक्षकार ने सिविल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। मस्जिद इंतजामिया कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक याचिका दाखिल की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वेश्वर नाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था। वाराणसी की अदालत ने मस्जिद के परिसर की पुरातत्विक सर्वेक्षण करने की इजाजत दी थी। सिविल जज ने एएसआई को खोदाई करने का आदेश दिया था।

कोर्ट में दायर की गई याचिका में पूजा स्थल (विशेष प्रवधान) अधिनियम 1991 के कानून का उल्लंघन कहा है। मंदिर के पक्षकार के मुताबिक 1664 में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट करवा दिया और उसके अवशेषों पर वहां मस्जिद का निर्माण कराया था। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वर्ष 1991 में एक मुकदमा दायर हुआ था। जिसमें मांग की गई की मस्जिद स्वयं भू विश्वेश्वर नाथ मंदिर का एक अंश है जहां हिन्दू आस्था वालों को पूजा पाठ दर्शन और मरम्मत का अधिकार है।

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