बड़ी लापरवाही आई सामने, मानकों की अनदेखी कर प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को दिया ठेका

UPTET Cancelled : बड़ी लापरवाही आई सामने, मानकों की अनदेखी कर प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को दिया ठेका

बड़ी लापरवाही आई सामने, मानकों की अनदेखी कर प्रिंटिंग प्रेस एजेंसी को दिया ठेका

Google Image | संजय उपाध्याय

Prayagraj : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) पर्चा लीक मामले में बड़ी लापरवाही सामने आई है।जानकारी के मुताबिक सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) रहते संजय उपाध्याय ने बिना जांच पड़ताल के ही परीक्षा मानकों को पूरा न करने वाली एजेंसी को प्रश्नपत्र प्रिंटिंग का ठेका दे दिया था। इसके बाद कंपनी ने चार अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस से टीईटी के प्रश्नपत्र छपवाए। जानकारी के मुताबिक यूपी टीईटी परीक्षा के प्रश्नपत्र छापने वाली कंपनी के निदेशक राय अनूप को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बीते रविवार यानी 28 नवंबर को यूपी टीईटी आयोजित की गई थी। टीईटी प्रश्नपत्र लीक होने के बाद रद्द कर दी गई थी। रविवार को परीक्षा के लिए करीब 21 लाख उम्मीदवारों को उपस्थित होना था। वे अब एक महीने के भीतर होने वाली पुनर्निर्धारित परीक्षा में शामिल होंगे। पर्चा लीक होने की वजह से स्थगित की गई परीक्षा के लिए दोबारा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) के प्रश्नपत्र छापने वाली कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी बड़ी परीक्षाओं को लेकर प्रश्नपत्र की छपाई के लिए निजी प्रिंटिंग प्रेस को जिम्मेदारी दी जाती है क्यों?

एसटीएफ ने कहा कि आरोपी की पहचान दिल्ली निवासी राय अनूप प्रसाद के रूप में हुई है और उसे सोमवार रात ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया गया था। अनूप प्रसाद आरएसएम फिनसर्व लिमिटेड, दिल्ली के बदरपुर के निदेशक हैं। जिसे प्रश्नपत्र छापने का ठेका दिया गया था। आरोपी ने प्रश्नपत्रों की छपाई के दौरान गोपनीयता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिसके बाद पर्चा लीक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ी। बयान में कहा गया है कि प्रसाद और चार अन्य के खिलाफ सूरजपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। 

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में किसी एजेंसी के प्रिटिंग प्रेस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। बल्कि इससे पहले भी 2018 में आयोजित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती और अधीनस्थ सेवा आयोग की नलकूप ऑपरेटर भर्ती परीक्षा में भी प्रिंटिंग प्रेस की भूमिका संदिग्ध थी।

अब तक 30 से अधिक लोगों की हुई गिरफ्तारी
यूपी टीईटी पर्चा लीक मामले में यूपी एसटीएफ जांच कर रही है। अब तक इस मामले में 30 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ये गिरफ्तारियां उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों से हुई हैं। बीस से अधिक लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। लेकिन इस पूरी कवायद के बाद भी यह साफ नहीं हो पाया कि आखिर शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा का पर्चा कैसे लीक हो गया। सॉल्वर गैंग को प्रश्नपत्र शनिवार देर रात मिल चुका था।

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