प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में भर्ती युवती की इलाज के दौरान मंगलवार सुबह मौत हो गई। उसके चचेरे भाई ने ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों पर गैंगरेप करने का आरोप लगाया था। इस प्रकरण में महिला संगठन और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आदि ने मुकदमा दर्ज कराने के लिए आईजी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी दिया था। मंगलवार सुबह मौत की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।
इस मामले में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है। अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि ऑपरेशन की प्रक्रिया में पेशाब नली लगाने और अन्य चीजों को ही युवती ने गलत समझ लिया था। ऑपरेशन के दौरान चार महिला डॉक्टर भी मौजूद थी। इधर, डॉक्टरों के ऊपर ऑपरेशन के दौरान युवती द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताते हुए जूनियर डॉक्टर सड़क पर निकल पड़े हैं। सोमवार को एसआरएन के जूनियर डॉक्टरों ने आरोप का विरोध करते हुए अस्पताल परिसर से मेडिकल कॉलेज तक पैदल जुलूस निकाला था।अस्पताल में ड्यूटी के दौरान काली पट्टी बांधकर रखी थी।
काली पट्टी बांध कर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने जताया विरोध
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के डॉक्टरों पर लगे आरोप की जांच के लिए सीएमओ द्वारा गठित जांच कमेटी ने आरोपों को बेबुनियाद पाया था। उसके बावजूद सियासी दलों की ओर से कार्रवाई की मांग को डॉक्टरों ने अनुचित बताया। एसआरएन अस्पताल परिसर से मेडिकल कॉलेज गेट तक काली पट्टी बांध कर पैदल जुलूस निकाला। डॉक्टरों ने अपने हाथों में अलग-अलग स्लोगन लिखी तख्तियां ली थी। जिस पर झूठे आरोप बंद करो मरीजों के जीवन को राजनीतिक एजेंडा मत बनाओ। न हैं हम योद्धा और न ही भगवान। हम हैं केवल इंसान, हमारा भी है आत्मसम्मान। जैसे नारों से जूनियर डॉक्टरों ने समाज के सामने प्रदर्शन किया। मेडिकल कॉलेज के गेट पर मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया।