आनंद गिरि समेत तीन आरोपियों के लिए जाएंगे वॉइस सैंपल, गुत्थी सुलझाने में अहम फैसला

महंत नरेंद्र गिरि मर्डर मिस्ट्री : आनंद गिरि समेत तीन आरोपियों के लिए जाएंगे वॉइस सैंपल, गुत्थी सुलझाने में अहम फैसला

आनंद गिरि समेत तीन आरोपियों के लिए जाएंगे वॉइस सैंपल, गुत्थी सुलझाने में अहम फैसला

Google Image | महंत नरेंद्र गिरि

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मृत्यु मामले की जांच कर रही सीबीआई की टीम आत्महत्या के आरोपित आनंद गिरि का वायस सैंपल शीघ्र ही लेगी। इसके अलावा महंत नरेंद्र गिरि के दो अन्य करीबियों की आवाज का नमूना भी सीबीआई ले सकती है। नामजद आरोपियों के अलावा यह दोनों भी सीबीआई के रडार पर हैं। इसमें विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी, ताकि आडियो क्लिप से मिलान कराने में कोई तकनीकी दिक्कत नहीं हो सके।

आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों के अलावा जिन दो लोगों का वॉइस सैंपल लिया जाना है, वह महंत नरेंद्र गिरि के करीबियों में हैं। उनकी सीडीआर से पता चला है कि वह महंत के साथ-साथ आनंद गिरि के भी लगातार संपर्क में थे। इसी आधार पर पहले उन लोगों से पूछताछ की गई, जिनसे आनंद गिरि ने बात की थी। आनंद गिरि के साथ उनकी बातचीत के भी कुछ ऑडियो क्लिप सीबीआई के हाथ लगे हैं। माना जा रहा है कि यह ऑडियो क्लिप महंत की मौत की गुत्थी सुलझाने में बेहद अहम सबूत साबित हो सकती है। यही वजह है कि ऑडियो में जिन भी लोगों के बीच बातचीत है, उन सभी के वॉइस सैंपल लेने की सीबीआई ने कोर्ट से अनुमति ली है।

इस मामले में आनंद गिरि के वायस सैंपल और आडियो क्लिप और वायस रिकार्डिंग की जांच से इस केस में अहम वैज्ञानिक साक्ष्य मिलने की उम्मीद है। फिर इसे अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। कहा जा रहा है कि एक-दो दिन में विशेषज्ञों के साथ सीबीआइ के अधिकारी केंद्रीय कारागार नैनी जाकर अभियुक्त आनंद का वायस सैंपल लेंगे। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ ने ऑडियो क्लिप हाथ लगने के बाद हाल ही में नए सिरे से मामले की जांच शुरू की। इसके बाद पिछले  एक हफ्ते के भीतर मठ, महंत और आनंद से जुड़े लोगों से पूछताछ की। इन्हीं लोगों में वो दो भी शामिल हैं, जिनका वॉइस सैंपल लेने की अनुमति सीबीआई ने कोर्ट से ली है।

कोर्ट ने जांच एजेंसी को आवाज के नमूने लेने की अनुमति प्रदान की है। हालांकि इससे पहले आरोपित आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर पूर्व पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी का पालीग्राफी टेस्ट कराने की अर्जी सीबीआइ की तरफ से दी गई थी। लेकिन वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के दौरान अदालत के सामने आरोपित इसके लिए तैयार नहीं हुए थे। इसलिए पालीग्राफी टेस्ट लिए कोर्ट ने अनुमति नहीं दी थी।

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