महादेव के भक्तों ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, शिवालयों में की पूजा-अर्चना

Mahashivratri 2021: महादेव के भक्तों ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, शिवालयों में की पूजा-अर्चना

महादेव के भक्तों ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी, शिवालयों में की पूजा-अर्चना

Tricity Today | महादेव के भक्तों ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

महाशिवरात्रि के पर्व पर श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई और पूरी आस्था विश्वास के साथ पूजा-अर्चना की। इस मौके पर शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। संगम किनारे यमुना तट पर अकबर के किले में स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों द्वारा दर्शन-पूजन व जलाभिषेक कर बेल-पत्र और दूध अर्पित कर अपनी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद मांग रहे हैं। मान्यता है कि यहां शिव अपने विविध रूपों में विराजमान है। श्रद्धालुओं की इसी आस्था और भक्ति के कारण ही महाशिवरात्रि और सावन के पूरे मास तक शिवालयों में भीड़ उमड़ती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर सुबह से रात्रि तक भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भीड़ लगी रहती है।

मनकामेश्वर मंदिर में प्रातः काल से ही शिव भक्त कर रहे हैं शिव की आराधना
प्रयागराज में संगम के पास यमुना नदी के किनारे अकबर के किले के समीप यमुना नदी तट पर मनकामेश्वर मंदिर स्थित है। वहां महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है। लोगों की मान्यता है कि यहां शिव का दर्शन-पूजन और जलाभिषेक करने से उनकी मनोकामना पूरी होती है। उल्लेखनीय है कि इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी है स्कंद पुराण और पद्म पुराण में कामेश्वर पीठ का वर्णन किया गया है। मंदिर समिति के लोग बताते हैं कि यह वही कामेश्वर नाथ पीठ है जहां काम को भस्म करके भगवान शिव विराजमान हुए थे। इस मंदिर परिसर में मनकामेश्वर शिव के अलावा ऋणमुक्तेश्वर और सिद्धेश्वर महादेव के शिवलिंग भी स्थापित है। शिव के रूद्रावतार कहे जाने वाले हनुमान जी की दक्षिणमुखी मूर्ति भी परिसर में स्थापित है। प्रयागराज कुंभ मेले आये श्रद्धालु और महाशिवरात्रि के पर्व पर संगम में स्नान कर भक्त श्रद्धालु भी यहां आकर शिवजी को शीश नवाते हैं।

श्री सोमेश्वर नाथ मन्दिर अरैल नैनी
प्रयागराज में यमुना तट पर अरैल गांव नैनी में श्री सोमेश्वर नाथ शिव मन्दिर स्थित है। यहां मान्यता है कि पूर्णिमा की रात में मंदिर के शिखर पर लगे त्रिशूल की दिशा परिवर्तित हो जाती है लोगों ने इसे देखने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। महाशिवरात्रि के पर्व पर यहां भक्तों की भीड़ लगी हुई है सुबह से रात्रि तक धार्मिक आयोजन होता रहता है। मान्यता है कि सच्चे मन से आकर यहां जो लोग मनौती मानते हैं उनकी मनोकामना शिवजी अवश्य पूरा करते हैं। यहां पर मनौती पूरा होने पर निशान चढ़ाने की परंपरा है। यह मान्यता है कि दक्ष के श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव यहां प्रकट हुए और उन्होंने राजा चंद्रदेव को वरदान देकर श्राप से मुक्ति दिलाई थी।

तक्षकोटेश्वर महादेव मंदिर शिवकुटी
प्रयागराज के गंगा किनारे शिवकुटी में स्थित श्री तक्षकोटेश्वर महादेव मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना पांडवों ने की थी। यहां पर हर रोज की तरह आज महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव भक्त सुबह से ही दर्शन-पूजन कर रहे हैं। इसके अलावा नागपंचमी, सावन मास और पुरुषोत्तम मास में शिव की विशेष पूजा-अर्चना होती है। यहां मान्यता है कि भगवान शिव के दर्शन और पूजन से हर मनोकामना पूरी होती है और भगवान शिव सभी को संकटों से मुक्ति दिलाते हैं।

इसके अलावा आज शहर में कई जगहों पर शिव बारात और भगवान शिव की शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी । संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शिव मनकामेश्वर, सोमेश्वर नाथ,  तक्षकोटेश्वर और तक्षकेश्वर (बड़ा शिवाला) के रूपों में विद्यमान हैं। महाशिवरात्री के इस पर्व पर माघ मेले में भी श्रद्धालु संगम पर स्नान कर पुण्य कमा रहे हैं।

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