दुष्कर्म के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव को पुलिस ने  किया गिरफ्तार

प्रयागराज : दुष्कर्म के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव को पुलिस ने किया गिरफ्तार

 दुष्कर्म के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव को पुलिस ने  किया गिरफ्तार

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प्रयागराज : प्रयागराज में दुष्कर्म पीड़िता के केस में आरोपी सीएमपी डिग्री कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार  किया। वह काफी दिनों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें लगाई थीं। उससे पूछताछ की जा रही है। आरोपी मदन मूल रूप से गाजीपुर का रहने वाला है। उसके अन्य पांच मददगारों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही। मदन यादव के खिलाफ दो वर्ष पूर्व एक प्रतियोगी छात्रा ने कर्नलगंज थाने में रेप का मुकदमा दर्ज कराया था।

पीड़िता ने बयान में आरोपी से जान को खतरा बताया था
पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में उन पर जान से मारने की धमकी देने मारपीट समेत अन्य आरोप भी लगाया है। फिलहाल मामले की विवेचना चल रही है उधर इंस्पेक्टर, दरोगा समेत तीन पर दर्ज मुकदमे की जांच भी शुरू कर दी गई है। उस मुकदमे में पुलिस ने आरोपी मदन यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से निकलने के बाद वह पीड़िता और उसके परिवार वालों को परेशान करने लगा। इसी बीच इस मामले में नया-नया तथ्य सामने आने लगा। इस मामले में दुष्कर्म का आरोपी मदन यादव अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल करके उसके गवाह व परिवारीजनों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर अपने मुकदमे में सुलह के लिए दबाव बना रहा था। इसी के तहत उसने पहले फूलपुर में उसके भाई और गवाह पर दुष्कर्म का फर्जी के कर्ज कराया।

पीड़िता के आरोप पर आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था
पीड़िता का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव ने हंडिया इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर उसके मुकदमे में गवाह को फर्जी तरीके से जेल भिजवाया और उसे परेशान किया। इसको लेकर प्रतियोगी छात्रा की तहरीर पर कुछ दिन जार्जटाउन थाने में मदन यादव, बृजेश यादव व अन्य के खिलाफ एससी एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मुकदमे में मदन यादव फरार था, जिसकी गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले गवाह को फर्जी ढंग से जेल भेजने और पीड़िता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के मामले में आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।

बता दें कि, गाजीपुर जिले की रहने वाली रेप पीड़िता प्रतियोगी छात्रा ने सीएमपी डिग्री कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मदन समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उसकी शिकायत पर डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने जांच कराई और दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। अब उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। पीड़िता की तहरीर पर पूर्व हंडिया इंस्पेक्टर बृजेश सिंह निवासी गाजीपुर, जार्जटाउन दरोगा बलवंत यादव और अन्य सहयोगी पुलिसकर्मियों के साथ गाजीपुर के ही रहने वाले सीएमपी डिग्री कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव को नामजद किया गया है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पुलिसकर्मियों ने आरोपित पक्ष से मिलकर साजिश रची। पीड़ता के खिलाफ अत्याचार और साजिश तो हुई ही, साथ ही गवाहों को धमकाने, फंसाने, जेल भेजने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई।

एक ही गांव के असिस्टेंट प्रोफेसर और इंस्पेक्टर
पीड़िता का यह आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर मदन यादव और इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों गाजीपुर जनपद के करीमुद्दीनपुर गांव के रहने वाले हैं। इसी के तहत दोनों ने मिलकर यह साजिश रची, जिसमें अपने अन्य सहयोगियों को भी शामिल कर लिया। इसके बाद फर्जी तरीके से दूसरे मुकदमे भी दर्ज करवाए गए। इसके साथ ही दबाव बनाने के लिए उसके गवाह को फर्जी तरीके से जेल भेजा और उस पर फर्जी केस भी दर्ज कराया। फिलहाल सभी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट, कूटरचना, धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र रचने समेत 14 धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। इंस्पेक्टर जार्जटाउन का कहना है कि मुकदमे की जांच की जा रही है।

इस मामले में आठ पुलिसकर्मी हुए थे निलंबित
इस मामले में कुल आठ पुलिसकर्मी निलंबित किए जा चुके हैं। इनमें पूर्व हंडिया इंस्पेक्टर बृजेश सिंह यादव, सर्विलांस प्रभारी संजय सिंह यादव, जॉर्ज टाउन थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर शिशुपाल शर्मा, एसआई बलवंत यादव, एसआई महेश चंद्र निषाद, हेड कांस्टेबल पन्नालाल यादव, अजय यादव व कांस्टेबल कृष्ण कुमार यादव भी शामिल हैं।

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