मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरुपरानी हॉस्पिटल में हड्डी रोग विभाग के वार्ड में एक जूनियर डॉक्टर ने कमरा बंद कर स्टाफ नर्स की पिटाई कर दी है। इस तरह की घटना से राजकीय नर्सेस संघ ने गुस्से में आकर हंगामा शुरू कर दिया। कथित पिटाई के मामले में आरोपित डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया है। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है।
प्रयागराज स्वरूपरानी हॉस्पिटल (एसआरएन) में हड्डी विभाग के वार्ड नंबर दो में आर्थो के जूनियर डॉक्टर शाम को पहुंचे थे। उन्होंने नर्स से एक मरीज को इंसुलिन नहीं लगने के बारे में पूछा, जबकि दोपहर दो बजे के बाद नर्सों की ड्यूटी बदल गई थी। मरीज को इंसुलिन लगने की बात सुबह ड्यूटी करने वाली नर्स को पता थी। जूनियर डॉक्टर दोपहर दो बजे के बाद ड्यूटी पर आई नर्स से पूछ रहे थे। नर्स के नहीं बता पाने पर वह आपे से बाहर हो गए। आरोप है कि उन्होंने पहले अपशब्द कहा उसके बाद कमरा बंद कर नर्स की पिटाई कर दी।
जानकारी मिलते ही राजकीय नर्सेस संघ उपाध्यक्ष रानी सिंह वहां पहुंची। बाद में अध्यक्ष साफिया खान, मंत्री और मुख्य मैट्रन आदि पहुंच गयीं। सभी नर्सें प्रमुख अधीक्षक कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गईं। इसी बीच जूनियर डॉक्टर वहां से निकल गये और फोन भी स्विच्ड ऑफ कर लिया। नर्सों के हंगामा करते देख आर्थो के विभागाध्यक्ष डॉ डी सी श्रीवास्तव और प्राचार्य डॉ एस पी सिंह भी वहां पहुंचे। दोनों पक्षों में करीब घंटे भर की बातचीत के बाद प्राचार्य के निर्देश पर विभाग अध्यक्ष डॉ डी सी श्रीवास्तव ने आरोपित जूनियर डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
इस पर नर्सेज संघ से कहा कि इस प्रकार की घटना यदि भविष्य में किसी भी नर्स के साथ फिर हुई तो काम को ठप करके आंदोलन किया जायेगा। नर्स की पिटाई करने के मामले में आरोपित जूनियर डॉक्टर को आर्थो के विभागाध्यक्ष ने निलंबित कर दिया है। इस मामले की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एस पी सिंह ने स्वरुपरानी (एसआरएन) के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, आर्थो के विभागाध्यक्ष और एक मैट्रन को शामिल करते हुए जांच कमेटी बनाई है। कमेटी जांच कर शीघ्र ही रिपोर्ट देगी उसी के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।