Tricity Today | मेडलिस्ट विद्यार्थियों के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित 15वें दीक्षांत समारोह शुक्रवार (5 मार्च) का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में राज्यपाल ने मेधावी छात्र-छात्राओं को 19 स्वर्ण पदक प्रदान किए। राज्यपाल ने गोरखपुर की लक्ष्मी गुप्ता को कुलाधिपति समेत कुल 3 स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र, समाज के लक्ष्यों की प्राप्ति का सबसे महत्वपूर्ण साधन शिक्षा है।
शिक्षा के माध्यम से समाज के विकास में बदलाव लाया जा सकता है। विश्वविद्यालय केवल डिग्री व मेडल देने तक सीमित न रहें। वे समस्याओं को जानने के साथ उसके निस्तारण का भी प्रयास करें। गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक 50 फ़ीसदी युवाओं को उच्च शिक्षा देने का लक्ष्य है।
दूरस्थ शिक्षा से मिलेगा मौका
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुकुल कानितकर ने भी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का यह परम कर्तव्य है कि वह छात्र-छात्राओं को अपने आचार, विचार और ज्ञान के माध्यम से प्रभावित करें। दूरस्थ शिक्षा ही देश के कोने-कोने में शिक्षा उपलब्ध कराने का एकमात्र साधन है। दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक व उपाधि पाने वाले शिक्षार्थियों को बधाई दी गई।
लक्ष्मी गुप्ता को मिले तीन स्वर्ण पदक
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय मुख्य परिसर में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने 19 स्वर्ण पदक वितरित किए। इसमें 14 स्वर्ण पदक छात्राओं और 5 स्वर्ण पदक छात्रों को मिले। इनमें कुलाधिपति स्वर्ण पदक सहित कुल 3 पदक लक्ष्मी गुप्ता को मिले। इसके अलावा दीक्षांत समारोह में पहली बार विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में जनपद के परिषदीय प्राथमिक एवं जूनियर हाईस्कूल के चयनित विद्यार्थियों के समूह को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथियों का स्वागत कुलपति प्रोफेसर केएन सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में कैदी और किन्नर को निःशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है।
अटल प्रेक्षागृह का किया लोकार्पण
राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मुक्त विश्वविद्यालय में नवनिर्मित अत्याधुनिक प्रेक्षागृह का उद्घाटन किया। इस प्रेक्षागृह का नामकरण भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर किया गया है। प्रेक्षागृह अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। प्रयागराज में यह अपनी तरह का पहला ऑडिटोरियम है। इसमें एक साथ 1000 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। इस अवसर पर प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह, मुख्य अतिथि मुकुल कानितकर, कुलसचिव डॉ अरुण कुमार गुप्ता, वित्त अधिकारी अजय कुमार सिंह और इंजीनियर राजेश सिंह आदि उपस्थित रहे। प्रेक्षागृह का शिलान्यास तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने किया था।