माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड द्वारा टीजीटी-पीजीटी के संशोधित विज्ञापन को जल्दी जारी किये जाने को लेकर प्रतियोगी छात्र-छात्राओं ने बुधवार को बालसन चौराहे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्र अपनी मांग को लेकर एक ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन बालसन चौराहे पर पुलिस-प्रशासन द्वारा यह कहकर हटा दिया गया कि यहां धरना-प्रदर्शन स्थल नहीं है। इसके बाद सभी प्रतियोगी छात्र सिविल लाइन स्थित पत्थर गिरजाघर के सामने इकट्ठा हुए। छात्र सभी विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्तियां करने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गये।
बालसन चौराहे पर रोजगार की मांग को लेकर अनिल सिंह के नेतृत्व में युवा मंच ने प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को एकत्रित किया। उन्होंने राज्य सरकार से टीजीटी-पीजीटी के संशोधित विज्ञापन की मांग करते हुए नारेबाजी की। इससे पहले टीजीटी-पीजीटी का विज्ञापन अक्टूबर-नवम्बर में चयन बोर्ड द्वारा दिया गया था, लेकिन तदर्थ शिक्षकों को लेकर 18 नवंबर को विज्ञापन निरस्त कर दिया गया। कहा गया कि जल्द ही नया विज्ञापन आयेगा।
बालसन चौराहे पर आन्दोलन कर रहे प्रतियोगियों को पुलिस-प्रशासन द्वारा यह कहकर हटा दिया कि यहां धरना-प्रदर्शन स्थल नहीं है। उसके बाद प्रतियोगी छात्र सिविल लाइन्स में पत्थर गिरजाघर के सामने इकट्ठा होकर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गये। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि वे बिना ज्ञापन दिये यहां से नहीं जायेंगे।
बेरोजगार युवाओं ने कहा कि सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां की जानी चाहिए। लेकिन सरकार द्वारा रिक्त पदों को नहीं भरा जा रहा है और प्रतियोगियों की आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है। छात्रों द्वारा कहा गया कि हम सरकार को 24 घंटे की मोहलत देते हैं। यदि सरकार खाली पदों का विज्ञापन नहीं देती है, तो हम लोग सिविल लाइंस पत्थर गिरजाघर के पास आमरण अनशन और भूख हड़ताल करेंगे। यह आन्दोलन ऐसे समय में हो रहा, जबकि मुख्यमंत्री ने अभी कुछ ही दिन पहले सभी विभागों में रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिया है।
छात्रों के आंदोलन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने शहर के सिविल लाइन्स, कर्नलगंज, कैंट, धूमनगंज और कई अन्य थानों की फोर्स को बुला लिया था। ताकि आंदोलन के दौरान किसी तरह की हिंसा न हो। पत्थर गिरजाघर के सामने छात्रों द्वारा कहा गया कि वे एक ज्ञापन देना चाहते हैं। उसके बाद ही धरना समाप्त करेंगे। जब दोपहर 2:30 बजे तक धरना-प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ तो पुलिस-प्रशासन द्वारा कुछ छात्रों की गिरफ्तारी कर धरना समाप्त करावाया गया।