Google Image | कुलपति ने जिलािधिकारी को लिखी थी चिट्ठी
लाउडस्पीकर पर अजान से हो रही असुविधा से अवगत कराया
प्रशासन के निर्देश पर लाउडस्पीकर की दिशा बदली गई
कई छात्र संगठन पर इसको लेकर कुलपति के खिलाफ हैं
प्रयागराज में इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की ध्वनि प्रदूषण पर जिलाधिकारी को लिखी चिट्ठी सार्थक साबित हुई। उनकी आपत्ति के बाद सिविल लाइन्स क्लाइव रोड स्थित उनके निवास की तरफ से मस्जिद के लाउडस्पीकर की दिशा बदलवा दी गई है। मीनार पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज को भी पहले की तुलना में कम कर दिया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया और दलों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी कुलपति के विरोध में प्रदर्शन किया। मस्जिद कमेटी ने पुलिस से मिले निर्देश पर लाउडस्पीकर के मुंह की दिशा बदलने के साथ ही उसकी आवाज भी कम कर दी है।
शहर के सिविल लाइंस इलाके में क्लाइव रोड स्थित लाल मस्जिद है। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर बुधवार को मस्जिद पहुंचकर कमेटी के मौलवी से बातचीत की। इसके उपरांत मस्जिद कमेटी ने कुलपति के निवास की ओर लगे लाउडस्पीकर की दिशा को बदलवा दिया। उन्होंने कहा कि यदि कुलपति जी व्यक्तिगत तौर पर ऐसा करने को कहतीं तो भी बदलाव कर दिया जाता। मस्जिद कमेटी ने बताया कि पहले मस्जिद की मीनार पर चार लाउडस्पीकर लगे हुए थे। लेकिन जिला प्रशासन से अनुमति न होने के कारण दो लाउडस्पीकर पहले ही हटा लिए गये थे। अभी दो लाउडस्पीकर ही लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि 50 फीसद से कम आवाज स्पीकरों की कर दी गई है जिससे किसी को कोई भी असुविधा न हो।
कुलपति ने जिलाधिकारी को लिखा था पत्र
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने मस्जिद से होने वाली अजान के लिए लाउडस्पीकर से तेज आवाज के कारण हो रही परेशानी सम्बन्धी 3 मार्च को जिलाधिकारी प्रयागराज के नाम संबोधित एक पत्र लिखा था। इस पत्र की कॉपी कमिश्नर, आईजी और एसएसपी को भी दी गई थी। यह पत्र बुधवार को इंटरनेट-मीडिया से लेकर अन्य सभी मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा में बना रहा।
कुलपति ने 2020 की जनहित याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए जिलाधिकारी से कार्रवाई की मांग की थी। कुलपति ने पत्र में स्पष्ट किया है कि वह किसी संप्रदाय, जाति या वर्ग के खिलाफ नहीं है। ध्वनि प्रदूषण के कारण नींद में खलल पड़ती है, जिसके कारण कामकाज भी प्रभावित होता है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर की आवाज को कम करवाया गया और उसकी दिशा भी बदली गई।