प्रयागराज के झलवा में स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) के दो शोध छात्रों पवन कुमार और शेफाली विनोद रामटेके की ओर से किसानों के खेतों में कीटनाशक छिड़काव के लिए एक अनोखा ड्रोन तैयार किया है। खेती के उद्देश्य को लेकर तैयार हो रहे ड्रोन के जरिये देश में कृषि क्षेत्र में प्रगति होगी। शोध छात्रों द्वारा स्टार्टअप योजना के तहत तैयार किया गया है।
प्रयागराज शहर के झलवा में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) के दो शोधार्थी छात्रों पवन कुमार और शेफाली रामटेके ने पीएस-1925 नाम से तैयार स्टार्टअप कंपनी के तहत खेती के लिए ड्रोन विकसित कर रहे हैं। दोनों शोधार्थी ट्रिपलआईटी झलवा से पीएचडी कर रहे हैं। इनका कहना है कि हम भारत में प्रोटोटाइप ड्रोन का विकास और डिजाइन तैयार कर रहे हैं। इस ड्रोन के जरिये किसान अपनी फसल के उन्हीं हिस्सों में छिड़काव कर सकेंगे जहां पर फसल में कोई रोग या बीमारी लगी है।
इस ड्रोन के जरिये कीटनाशक छिड़काव से होने वाली बीमारियों से छुटकारा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ पानी की बर्बादी नहीं होगी और किसान अपना पानी भी बचा सकेंगे। ट्रिपल आईटी के दो शोध छात्रों पवन कुमार और शेफाली रामटेके ने एक स्टार्टअप के तहत विकसित किया है जो 3 से 4 महीने में तैयार होकर बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध हो सकेगा। कृषि क्षेत्र में सफलता मिली तो अन्य देशों से ड्रोन खरीदने के बजाय हम पेशेवर और स्वचालित ड्रोन बना सकेंगे।
पीएस-1925 एक ड्रोन निर्माता प्रौद्योगिकी और सेवा देने वाली कंपनी है, जो मानव रहित हवाई वाहन डिजाइन करती है। कंपनी का उद्देश्य मेक इन इंडिया के सिद्घांत पर देश में ड्रोन तकनीक लाना है। शोधार्थी पवन कुमार ने कहा कि हमारी स्टार्टअप कंपनी पिछले तीन-चार वर्षों से संस्थान में ड्रोन पर काम कर रही है रेडियो नियंत्रित एयरक्रॉफ्ट और ड्रोन के लिए डिजाइन विकसित किये हैं।
उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार की स्टार्टअप योजना के तहत देश में तैयार हो रहे ड्रोन से कृषि, आपदा प्रबंधन और राहत अभियान, स्वास्थ्य, ऊर्जा और परिवहन के लिए ड्रोन तैयार करेंगे। कृषि के लिए विकसित ड्रोन सेंसर पर काम करेगा जिससे किसान को मजदूरों की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा। ट्रिपल आईटी के निदेशक ने दोनों शोधार्थी छात्रों की इस उपलब्धि पर बधाई दी है।