गंगा में डूबकी, शंकराचार्य से भेंट और चलाई नाव, जानिए क्या हैं संकेत

प्रयागराज में प्रियंका, गंगा में डूबकी, शंकराचार्य से भेंट और चलाई नाव, जानिए क्या हैं संकेत

गंगा में डूबकी, शंकराचार्य से भेंट और चलाई नाव, जानिए क्या हैं संकेत

Social Media | बेटी मिराया के साथ प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर प्रयागराज के नैनी स्थित अरैल घाट पर गंगा में डुबकी लगाई। उसके बाद उन्होंने पूजा-अर्चना कर द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। गुरुवार को मौनी अमावस्या के पावर मौके पर प्रयागराज में करीब 30 लाख श्रद्धालु जुटे थे। उन्होंने संगम माघ मेले में नाव चलाने का भी अनुभव लिया। इस दौरान वह आनंद भवन भी गईं। प्रियंका आनंद भवन स्थित उस जगह भी पहुंची, जहां पंडित नेहरू की अस्थियां संगम में विसर्जन से पूर्व रखी गईं थी।
 


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने महासचिव के प्रयागराज कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी गुरुवार 12 बजे बम्हरौली हवाईअड्डा पहुंची। वहां से वह सीधे स्वराज भवन पहुंची। स्वराज भवन में करीब एक घंटा बिताने के बाद प्रियंका गंगा स्नान के लिए अरैल घाट रवाना हो गईं। गंगा स्नान के बाद वह मनकामेश्वर मंदिर स्थित शंकराचार्य के आवास पर गईं। वहां उन्होंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया और प्रसाद ग्रहण किया।



जगद्गुरू से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से बात की। उन्होंने बताया कि इस पावन अवसर पर यहां आकर बहुत खुशी हुई। शंकराचार्य जी और हमारे परिवार के बीच बहुत पुराना रिश्ता है। मैं हमेशा उनके संपर्क में रहती हूं। आज उनसे मिलने का मौका मिला। यह मेरा सौभाग्य है। इस बीच, मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर पर जिला प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की। इस बारे में पूछे जाने पर प्रियंका गांधी ने कहा, “मैंने नहीं देखी।” शंकराचार्य से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। 

बदल रही हैं इमेज
माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस पर लगे एंटी-हिंदुत्व के दाग को साफ करने की कोशिश कर रही हैं। पिछले दो दिनों में पश्चिमी यूपी के दौरे में वह पहले मंदिरों या मठों में गई। वहां से पूजा-अर्चना करने के बाद ही वह आगे बढ़ीं। एक दिन पहले प्रियंका सहारनपुर में मां शाकुंबरी देवी के दर्शन करने पहुंची थी। इसके बाद वह किसानों की महा पंचायत कार्यक्रम में गईं। 

मौनी अमावस्या के दिन उनके प्रयागराज दौरे से इसके संकेत मिले। वहां उन्होंने गंगा में डूबकी लगाई, नाव चलाई और शंकराचार्य से भेंट की। इससे यह संदेश देने की कोशिश की गई कि, कांग्रेस हिंदू हितों के विरूद्ध नहीं है। खासकर प्रियंका गांधी स्वयं अपनी दादी इंदिरा गांधी की तरह पूजा-अर्चना करने में यकीन रखती हैं। उनके सक्रिय होने से पार्टी पर लगे दाग को साफ करने में आसानी होगी। 

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