फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को राहत, लगे थे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

प्रयागराज : फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को राहत, लगे थे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

फर्जी डिग्री मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को राहत, लगे थे गंभीर आरोप, जानिए पूरा मामला

Google Image | उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के लिए कथित फर्जी डिग्री के मामले में राहत की खबर है। प्रयागराज की एसीजेएम कोर्ट ने शनिवार को केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ फर्जी मार्कशीट और दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने के आरोप संबंधी याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले अदालत ने केशव मौर्या पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का कैंट थाना को निर्देश दिया था। निचली अदालत ने बिना किसी टिप्पणी के याचिका खारिज कर दी।

एसीजेएम कोर्ट ने खारिज की याचिका
सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी द्वारा दाखिल अर्जी को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने खारिज कर दी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या पर फर्जी डिग्री के आधार पर पेट्रोल पंप की डीलरशिप हासिल करने और 2007 विधानसभा तथा अलग-अलग चुनाव के नामांकन के समय गलत हलफनामा दाखिल करने के आरोपों की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराने की मांग वाली याचिका यहां के स्थानीय अदालत ने शनिवार को खारिज कर दी। इसके पहले एक सितंबर को सुनवाई में एसीजेएम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

एसीजेएम कोर्ट ने दिए थे, थाना कैंट को जांच के आदेश
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या पर लगे कथित फर्जी डिग्री के आरोप को लेकर दाखिल अर्जी पर एसीजेएम नम्रता सिंह ने एसएचओ कैंट से प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी की ओर से दाखिल अर्जी में आरोप लगाया गया था कि केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री फर्जी है। जिसके बाद कोर्ट ने उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की हिंदी साहित्य सम्मेलन की डिग्री की जांच का आदेश दिया था। इसके साथ ही हाई स्कूल के फर्जी सर्टिफिकेट पर पेट्रोल पंप हासिल करने के मामले में भी जांच का आदेश दिया था।

केशव मौर्या पर लगाए गए आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी का आरोप है कि केशव प्रसाद मौर्य ने वर्ष 2007 में शहर पश्चिमी विधानसभा चुनाव और उसके बाद के कई अलग-अलग चुनाव में नामांकन के समय दाखिल हलफनामे में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का उल्लेख किया। जो राज्य सरकार अथवा किसी बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। इन्हीं कागजातों के आधार पर इंडियन आर्मी पेट्रोल पंप हासिल किया। याचिकाकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने कहा कि वह निचली अदालत के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करेंगे।

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