चुनावी हार को दिल पर ले गया था माफिया अतीक अहमद

उमेश पाल अपहरण कांड की पूरी कहानी : चुनावी हार को दिल पर ले गया था माफिया अतीक अहमद

चुनावी हार को दिल पर ले गया था माफिया अतीक अहमद

Tricity Today | चुनावी हार को दिल पर ले गया था माफिया अतीक अहमद

Prayagraj News : गलत का अंत होना निश्चित है। राजू पाल हत्याकांड के बाद उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसके साथियों को 18 साल बाद सजा हुई है। अतीक अहमद समेत 3 लोगों को आजीवन कारावास हुई है। चुनावी मैदान में हारने के बाद अतीक अहमद और राजू पाल विवाद शुरू हुआ था। चुनाव में अतीक अहमद को मुंह की खानी पड़ी तो राजू पाल की हत्या करवा दी। करीब 18 साल पहले यह कहानी शुरू हुई थी। आइए हम आपको बताते हैं कि पूरी वारदात कैसे शुरू हुई और कब क्या हुआ।
18 साल पहले शुरू हुई थी कहानी
यह पूरी कहानी वर्ष 2005 में शुरू हुई थी। जब राजू पाल मायावती के करीबी और बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे। विधायक राजू पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। उस समय अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ अहमद समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेताओं में थे। वर्ष 2004 में अतीक अहमद उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कर सांसद बने थे। उससे पहले इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा के विधायक थे, लेकिन उनके सांसद बन जाने के बाद इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट खाली हो गई। कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ और इस सीट पर अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ चुनाव में खड़े हुए। 

चुनावी मैदान में राजू पाल ने अतीक अहमद को दी मात
इसी बीच मायावती ने बहुजन समाज पार्टी से राजू पाल को टिकट दिया। मैदान में अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ और दूसरी तरफ राजू पाल आमने सामने खड़े थे। चुनाव हुआ तो राज्यपाल ने अशरफ को हरा दिया। इसी वजह से अतीक अहमद और उसके परिवार वाले राजू पाल से विवाद रखने लगे। वर्ष 2005 में 25 जनवरी को राजू पाल की उस समय हत्या कर दी गई, जब वह अपनी पत्नी के साथ थे।

राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह बने उमेश पाल
राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे। इस मामले में राजू पाल का रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था। गवाही से पहले 28 फरवरी 2006 में उमेश पाल का अपहरण हो गया। जिसके बाद उमेश पाल की बीवी ने अतीक अहमद समेत उसके साथियों के खिलाफ अपहरण की शिकायत की थी। 

उमेश पाल अपहरण मामले में एक साल बाद मुकदमा दर्ज
घटना के करीब एक साल बाद 5 जुलाई 2007 को अतीक अहमद और उसके साथियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। उमेश पाल ने अतीक अहमद और उसके साथियों पर मारपीट, अपहरण और जान से मारने की धमकी देने का धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया। उमेश पाल का कहना था कि अतीक अहमद ने बंदूक के दम पर गवाही ना देने के लिए कहा था, लेकिन वह पीछे नहीं हटा तो अपहरण कर लिया।

6 साल विवाद के बाद उमेश पाल हत्याकांड 
उमेश पाल अपहरण मामले को 6 साल हो गए हैं। काफी समय तक उमेश पाल और अतीक अहमद के बीच विवाद रहा। करीब 6 साल बाद 22 फरवरी 2023 को उमेश पाल की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इसके बाद एक बार फिर मामला चर्चा में आ गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर इस मामले में सख्ती से पैरवी की गई। उमेश पाल की पत्नी ने अतीक अहमद और उसके भाई समेत 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। इस पूरे मामले में 5 शूटर भी है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.