प्रयागराज के नामी अस्पताल में 50 साल डॉक्टर रहे, आखिरी वक्त में नहीं मिला इलाज, पढ़ें पूरी खबर

यूपी: प्रयागराज के नामी अस्पताल में 50 साल डॉक्टर रहे, आखिरी वक्त में नहीं मिला इलाज, पढ़ें पूरी खबर

प्रयागराज के नामी अस्पताल में 50 साल डॉक्टर रहे, आखिरी वक्त में नहीं मिला इलाज, पढ़ें पूरी खबर

Google Image | Dr. JK Mishra

  • प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर जेके मिश्रा (85) ने शहर के स्वरूपरानी अस्पताल में 50 साल तक मरीजों को जिंदगी दी
  • उनके आखिरी वक्त में न ही यह अस्पताल काम आया, न ही यहां के डॉक्टर
  • इलाज के अभाव में उन्होंने अपनी पत्नी के सामने स्वरूपरानी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया
  • अस्पताल का कोई सीनियर डॉक्टर आखिरी वक्त में उनका इलाज करने नहीं पहुंचा
कोरोना वायरस का कहर इतना भारी है कि लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है। अगर किसी तरह हॉस्पिटल में भर्ती हो गए, तो आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। यूपी के प्रयागराज से एक दिल दहला देने वाला ऐसा ही मामला सामने आया है। प्रयागराज के प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर जेके मिश्रा (85) ने शहर के स्वरूपरानी अस्पताल में 50 साल तक मरीजों को जिंदगी दी। लेकिन उनके आखिरी वक्त में न ही यह अस्पताल काम आया, न ही यहां के डॉक्टर। दरअसल जेके मिश्रा और उनकी डॉक्टर पत्नी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। इलाज के अभाव में उन्होंने अपनी पत्नी के सामने स्वरूपरानी अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। उन्हें यहां एक डॉक्टर तक न मिला। 

डॉक्टर पत्नी भी पूरी रात तड़पती रहीं
अफसोस इस बात का है कि उनके पढ़ाए कई डॉक्टर इसी हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद 16 अप्रैल को जेके मिश्रा को वेंटिलेटर तक नसीब नहीं हुआ। यहां तक कि अस्पताल का कोई सीनियर डॉक्टर आखिरी वक्त में उनका इलाज करने नहीं पहुंचा। उन्हें जूनियर डॉक्टरों के भरोसे छोड़ दिया गया,। उनकी पत्नी महिला रोग विशेषज्ञ डॉ रमा मिश्रा (80) 13 अप्रैल को रातभर अस्पताल के फर्श पर तड़पती रहीं। पति-पत्नी एक साथ ही कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। 

डॉक्टरों ने किया इनकार
उन लमहों को याद कर डॉ रमा कहती हैं, “डॉक्टर होने के बावजूद मैं उनकी कोई मदद न कर सकी। मैं इस बोझ से ताउम्र दबी रहूंगी।” डॉक्टर रमा ने बताया कि संक्रमित होने के बाद 13 अप्रैल से डॉक्टर मिश्रा का ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा था। 16 अप्रैल को अचानक उनकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। एक और इंस्ट्रूमेंट लगाया गया, तो उनकी सांसें रुकने लगी। फिर हमने उसे हटवाया। लेकिन उनके कफ से खून आने लगा। मैं डॉक्टरों से मदद की गुहार लगाती रही। उन्हें वेंटिलेटर पर रखने के लिए मिन्नतें करती रही। लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि यहां वेंटिलेटर नहीं है। 

दो हजार से ज्यादा मामले मिले
प्रयागराज में कोरोना वायरस संक्रमण से जिले में शनिवार को एक दिन में 2054 नये लोग पॉजिटिव मिले हैं। जबकि कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या 1807 है जो कि पिछले एक दो दिनों की अपेक्षा कुछ कम है। कोरोना से शनिवार को 13 लोगों की मृत्यु हो गई। कोविड-19 के बढ़ते प्रसार से इस बीच लोगों में दहशत भी है और घरों से बाहर निकलने पर डरे हुए हैं।

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