इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर वायरल हुआ वीडियो

प्रयागराज : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर वायरल हुआ वीडियो

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में संविदा कर्मियों की भर्ती को लेकर वायरल हुआ वीडियो

Google Photo | इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में संविदा पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के मामले में एक वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में भर्ती के टेंडर के लिए करोड़ों की लेनदेन की बात की गई है। और दावा किया गया है कि उस कंपनी के लोग विभिन्न पदों के लिए संविदा पर नौकरी देने के लिए 40-40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आउटसोर्सिंग का टेंडर लखनऊ की फर्म सनफैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। 

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की संविदा पर  लगभग 200 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए लखनऊ की मेसर्स सनफैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को आउटसोर्सिंग से भर्ती के लिए ई-टेंडर दिया गया है। इस कम्पनी ने कम्प्यूटर आपरेटर, टेक्निकल असिस्टेंट, ऑफिस असिस्टेंट, माली, स्वीपर सहित अन्य पदों पर भर्ती का जिम्मा एक अन्य कंपनी को दिया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं की ओर से वायरल किया गया यह वीडियो भर्ती करने वाली कंपनी के पत्रिका मार्ग स्थित कार्यालय से बनाया गया है। वीडियो में ऑफिस असिस्टेंट के लिए 40 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही है। वीडियो में 25 हजार रुपए एडवांस और पंजीकरण की एक कॉपी देने को कहा जा रहा है। वायरल वीडियो में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दो उच्चाधिकारियों को टेंडर देने के लिए दो करोड़ रुपए देने की बात कही जा रही है। हालांकि इस वीडियो क्लिप में कही गई बात कितनी सच है यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।

कंपनी ने तृतीय और चतुर्थ कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर चयन के लिए मार्च के आखिरी सप्ताह में इंटरव्यू आरंभ किया था। लेकिन अचानक यह कहते हुए स्थगित कर दिया गया कि भीड़ ज्यादा हो गई है। इसलिए कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराने के लिए ऐसा करना पड़ रहा है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में बाहरी संविदा कर्मचारी की नियुक्ति के लिए ई-टेंडर से मेसर्स सनफैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का चयन किया गया था। रजिस्ट्रार ने कहा कि कथित वीडियो और ऑडियो के माध्यम से जो भी व्यक्ति विश्वविद्यालय व अधिकारियों को बदनाम कर रहा है उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

कंपनी की ओर से कहा गया है कि जो व्यक्ति वीडियो में बोल रहा है वह कंपनी का व्यक्ति नहीं है। वीडियो के माध्यम से कंपनी और विश्वविद्यालय को बदनाम करना चाहते हैं। एजेंसी सीधी भर्ती करा रही है और जार्जटाउन में एजेंसी का कार्यालय है। जहां एक कर्मचारी नियमित रूप से बैठता है। जिन छात्र नेताओं में वीडियो वायरल किया है उनके खिलाफ एजेंसी कर्नलगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की तहरीर दी है।

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