41 साल बाद मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बना विशेष संयोग, पितरों को जल देने मात्र से दूर होंगे संकट

Mauni Amavasya 2021 : 41 साल बाद मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बना विशेष संयोग, पितरों को जल देने मात्र से दूर होंगे संकट

41 साल बाद मौनी अमावस्या के दिन ग्रहों का बना विशेष संयोग, पितरों को जल देने मात्र से दूर होंगे संकट

Google Image | Mauni Amavasya 2021

  • 1979 के बाद मौनी अमावस्या के पर्व पर ग्रहों का बना है विशेष संयोग
  • विभिन्न ग्रहों को सामान्य करने के लिए कर सकते हैं उपाय
  • पितरों को खुश करने के लिए भी कर सकते हैं पूजन 
  • रुष्ट हुए पितरो को मनाने का बना है खास दिन
मौनी अमावस्या के मौके पर इस बार ग्रहों का विशेष संयोग बना है। ज्योतिषाचार्य की माने तो अमावस्या पर्व पर 41 साल बाद सभी महत्वपूर्ण ग्रह एक ही स्थान पर रहकर जातकों का उद्धार करेंगे। इन ग्रहों का एक ही स्थान पर होने से अमावस्या पर्व पर उपाय करना भी आसान हो गया है। खास बात यह है कि अमावस्या तिथि पर इस बार रुष्ट हुए पितरों को भी मनाने का खास दिन आया है।

ज्योतिषाचार्य कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित उत्तम तिवारी ने जानकारी दी कि इस बार मोनी अमावस्या के मौके पर ग्रहों का बना सहयोग अमावस्या को महत्वपूर्ण बना रहा है। मौनी अमावस्या में इससे पहले ग्रहों का यह संयोजन 1979 में बना था। इसमें दिव्य लाभ सभी को प्राप्त होगा। यह बहुत ही शुभ अवसर और योग मिला है । मान्यता के अनुसार पर्वकाल पर मौन व्रत साधना की जाती है। इसमें मौनी अमावस्या को मौन रहकर गंगा स्नान करके गंगा के जल को मस्तक पर लगा कर के अपने पितरों के उद्धार के लिए प्रार्थना होती हैं।

6 ग्रह होंगे एक साथ : मौनी अमावस्या पर इस बार 6 ग्रह एक साथ मकर राशि में विराजमान है। राशि व नक्षत्रों के अनुसार पर्व काल के समय सूर्य मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र, चंद्रमा मकर राशि में घनिष्ठा नक्षत्र, बुध ग्रह मकर राशि में श्रवण नक्षत्र, गुरु ग्रह मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में, शुक्र ग्रह मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में व शनि ग्रह मकर राशि में श्रवण नक्षत्र में विराजमान है।

यह करें उपाय : मौनी अमावस्या के दिन उपाय करने से कुंडली में व्याप्त ग्रहों को सामान्य किया जा सकता है। जब एक ही राशि में विभिन्न ग्रह विराजमान होते हैं तो उस राशि से संबंधित उपाय करने से सभी ग्रहों को सामान्य किए जाने का अद्भुत समय होता है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहों के ऐसे सहयोग पर उपाय किए जाने से निश्चित फल हासिल होता है।

काला तिल है महत्वपूर्ण : काले तिल को पितरों और ग्रह को प्रसन्न करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है । काला तिल दान करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है जो को दान करने से पित्र संतुष्ट होते हैं । स्नान के बाद काले तिल को दान करने से यदि लोन संबंधी समस्या है या अनावश्यक खर्चे आ जाते हैं और बचत नहीं हो पाती तो उस पर लाभ हासिल होगा।

चावल दान : घर में यदि तनाव की स्थिति है या फिर घर का कोई सदस्य लंबी बीमारी से परेशान है तो अमावस्या के दिन चावल का दान करने से लाभ हासिल होगा। यदि चावल दाल करने में समस्या है तो सरसों दान करने से समस्त रोग कष्ट पीड़ा दूर होता है

तेल का दीपक : मौनी अमावस्या के दिन सादा भोजन करना चाहिए और तेल का दीपक जला कर के पीपल के पेड़ में भगवान नारायण और ब्रम्ह का पूजन करने के पश्चात प्रार्थना करनी चाहिए। इससे ग्रह बाधा को भगवान दूर करते है।

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