- वास्तु शास्त्र में भोजन करने के इन स्थानों को पूरी तरह से माना गया है वर्जित
- ईशान कोण के साथ ही दक्षिण कोना भी होता है प्रभावित उपाय हो जाते हैं खराब
घर या ऑफिस में अक्सर सुकून से खाना खाने के लिए हम ऐसे स्थान का चयन कर लेते हैं जो वास्तु शास्त्र के अनुसार पूरी तरह से वर्जित है। काम करते हुए खाना खाने की आदत भी कई बार इसके लिए जिम्मेदार होती है। इसलिए यदि खाना खाने के दौरान इस तरह की गलतियां कर रहे हैं तो उसे तुरंत ठीक करना चाहिए।
वास्तु शास्त्री और कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित पारस कृष्ण शास्त्री ने जानकारी दी कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या दफ्तर का ईशान को बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि घर या ऑफिस में ईशान कोण संबंधी उपाय किए गए हैं तो भी भोजन करने के स्थान का शुद्ध होना बेहद जरूरी है। यदि भोजन करने वाले स्थान के अलावा कार्य क्षेत्र के स्थान पर भोजन किया जाए तो ईशान कोण के साथ ही घर या ऑफिस का दक्षिण पूर्वी कोण भी प्रभावित होता है।
वास्तु संबंधी इन शुद्ध कोण के प्रभावित होने की वजह से कार्यक्षेत्र और परिवार के सदस्यों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वास्तु शास्त्र के जानकारों की माने तो भोजन करने के दौरान स्थान का चयन बहुत ही सतर्कता पूर्वक करना चाहिए। अधिक समय तक गलत स्थान पर भोजन करने की वजह से कुंडली में मौजूद सकारात्मक ग्रह भी विपरीत परिणाम देने लगते हैं।
इन स्थानों पर ना करें भोजन :
वास्तु शास्त्र में ऐसे स्थान पर भोजन करना वर्जित माना गया है जहां पर किसी दूसरे तरह का महत्वपूर्ण कार्य लगातार किया जाता है। ऐसे स्थान पर भोजन करने से भोजन करने वाले व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शनि और मंगल ग्रह भी प्रभावित होने लगते हैं। इन ग्रहों की उर्जा बढ़ने से व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार पैदा होने लगते हैं जिससे तनाव अनिद्रा अवसाद जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों की वजह से उसके कार्यक्षेत्र और व्यवहार में भी नकारात्मक परिवर्तन आने लगता है। इससे व्यक्ति बेहतर ग्रह कुंडली होने के बावजूद अपना नुकसान करना शुरू कर देता है।
काम करने वाली टेबल पर भोजन :
व्यापार क्षेत्र या ऑफिस में यदि दोपहर का भोजन करते हैं तो यह ख्याल रखें की ऐसे स्थान पर भोजन कतई ना करें जहां पर वह अपना रोज का काम करते हैं। काम करने वाली टेबल पर 29 दिन से अधिक भोजन करने के बाद नकारात्मक परिणाम की वजह से कार्य और कार्य क्षेत्र में अधिकारियों के साथ तनाव जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
बेड पर किया जाने वाला भोजन :
यदि बिस्तर पर रोजाना भोजन करते हैं तो इस बात का ख्याल रखें किसी स्थान पर भोजन करने से शुक्र ग्रह बुरी तरह से प्रभावित होता है। शुक्र ग्रह के प्रभावित होने की वजह से घर में तनाव और बीमारी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। घर का ईशान कोण प्रभावित होने की वजह से कर्ज जैसे हालात भी परिवार में पैदा हो जाते हैं।
पैसा रखने वाले स्थान पर भोजन :
व्यापारिक प्रतिष्ठान या ऑफिस में यदि ऐसी टेबल पर भोजन करते हैं जहां पर रुपए रखने का स्थान है तो उसे तत्काल बंद कर दें। ऐसा करने से कुंडली में गुरु ग्रह के प्रभावित होने के साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठान में वास्तु संबंधी दोष भी पैदा हो जाते हैं। इससे धीरे-धीरे बाजार में व्यापारिक प्रतिष्ठान की ख्याति कम होने लगती है और कर्जे बढ़ने लगते हैं।
रसोई में भोजन करना :
यदि जल्दबाजी में रसोई में भोजन कर दिया है तो वास्तु के अनुसार घर का इंसान को बिगाड़ने में आपने प्रमुख भागीदारी दी है। महीने में दो या तीन बार से अधिक यदि रसोई में भोजन किया है तो इससे घर का अग्नि केंद्र बुरी तरह से प्रभावित माना जाता है। इस केंद्र के प्रभावित होने की वजह से परिवार के मुखिया और बच्चे के कैरियर संबंधी समस्याएं सामने आने लगती है।