- वास्तु शास्त्र के अनुसार वाहन में देवी देवताओं को स्थापित करने से धैर्य में होती है बढ़ोतरी
- गलतियां करने पर नकारात्मक ऊर्जा का भी बढ़ता है प्रभाव, रोजाना करना चाहिए नमन
वाहन में ज्यादातर लोग सुरक्षा कारणों से देवी-देवताओं को स्थापित करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार देवी देवताओं को स्थापित किए जाने से वास्तु संबंधी दोष में कमी आती है। ऐसी स्थिति में वाहन में देवी देवताओं की स्थापना के बाद कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार वाहन में देवी देवताओं को स्थापित करने से मन में धैर्य की बढ़ोतरी होती है। इसके उलट यदि गलत तरह से यह स्थापना की गई है तो वाहन में नकारात्मक ऊर्जा का भी प्रभाव बढ़ता है।
वास्तु शास्त्री व कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित संतोष पाधा ने जानकारी दी कि वाहन में देवी देवताओं की स्थापना करना शुभ प्रतीक माना जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि शुभ प्रतीकों को हमेशा नमन करने के साथ ही छोटी-छोटी बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए। इससे वाहन में स्थापित देवी देवताओं की कृपा पात्र होने के साथ ही वाहन चालक के मन में धैर्य की बढ़ोतरी होती है।
इन बातों का रखें ख्याल
- यदि कार में देवी देवता स्थापित कर रखे हैं तो रोजाना स्थापना स्थान को साफ करना चाहिए।
- कार में धूम्रपान और मद्यपान किसी भी सूरत पर नहीं करना चाहिए।
- यदि बार-बार स्थापित हुए देवी देवता अपने स्थान से खिसक जाते हैं या गिर जाते हैं तो कार में किसी देवी देवता को स्थापित नहीं करना चाहिए।
- देवी देवता की स्थापना करने के बाद किसी भी खिलौने और मार्गदर्शिका को शीशे के पास नहीं लगाना चाहिए।
- हरे और काले रंग के ऊपर देवी देवताओं की स्थापना पूरी तरह से वर्जित माना गया है।
राशिवार यह स्थापित करें प्रतिमा : मेष : सीताराम की मूर्ति वृष : वैष्णो माता मिथुन : कुबेर जी कर्क : गणेश भगवान सिंह : काली मां कन्या : हाथी पर बैठी लक्ष्मी जी तुला : दुर्गा जी वृश्चिक : पंचमुखी हनुमान धनु : लक्ष्मी नारायण मकर : शनि देव कुंभ : भैरव जी मीन : परिवार संग शिवजी