इन दो योग की वजह से महाशिवरात्रि पर्व बना भक्तों के लिए और भी खास, 52 वर्षों बाद ग्रहों की बनी विशेष स्थिति, कार्य सिद्ध करने के लिए शिवजी बरसायेंगे कृपा

Mahashivratri 2021: इन दो योग की वजह से महाशिवरात्रि पर्व बना भक्तों के लिए और भी खास, 52 वर्षों बाद ग्रहों की बनी विशेष स्थिति, कार्य सिद्ध करने के लिए शिवजी बरसायेंगे कृपा

इन दो योग की वजह से महाशिवरात्रि पर्व बना भक्तों के लिए और भी खास, 52 वर्षों बाद ग्रहों की बनी विशेष स्थिति, कार्य सिद्ध करने के लिए शिवजी बरसायेंगे कृपा

Tricity Today | महाशिवरात्रि पर्व बना भक्तों के लिए और भी खास

महाशिवरात्रि का पर्व इस बार खास योग लेकर आया है। ज्योतिष आचार्यों की माने तो शिवरात्रि के महापर्व पर इस बार एक ही दिन में दो महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं। 52 वर्षों बाद बने इस संयोग में शिव जी भक्तों के कार्य सिद्ध करने के लिए विशेष कृपा बरसा रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विशेषज्ञ  आचार्य  पंडित सुशील कृष्ण शास्त्री ने जानकारी दी कि शिव कृपा पाने का सबसे श्रेष्ठ दिन महाशिवरात्रि का पावन पर्व होता है। इस बार यह शुभ दिन 11 मार्च 2021, गुरुवार को है। इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट तक महान कल्याणकारी 'शिवयोग' भी विद्यमान रहेगा। उसके बाद सभी कार्यों में सिद्धि दिलाने वाला 'सिद्धयोग' आरम्भ हो जाएगा। 

शिवयोग को हासिल है प्रभु का आशीर्वाद : शिव योग को स्वयं भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त है कि जो मान्यता है कि इस योग पर कोई भी धर्म-कर्म मांगलिक अनुष्ठान आदि कार्य होगा , वह संकल्पित कार्य कभी भी बाधित नहीं होगा। उसका कार्य का सुपरिणाम कभी निष्फल नहीं रहेगा। इसीलिए इस योग के किये गए शुभकर्मों का फल जरूर मिलता है।

सिद्धि योग में यह करे कार्य : सिद्धि योग में भी सभी आरम्भ करके कार्यसिद्धि प्राप्त होती है। इन योगों के विद्यमान रहने पर रुद्राभिषेक करना, शिव नाम कीर्तन करना, शिवपुराण का पाठ करना अथवा शिव कथा सुनना, दान पुण्य करना तथा ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना अतिशुभ माना गया है। इस दिन का प्रत्येक घड़ी-पहर परम शुभ रहता है। मान्यता है कि कन्याओं को इस दिन व्रत करने से मनोनुकूल पति की प्राप्ति होती है और विवाहित स्त्रियों का वैधव्य दोष भी नष्ट हो जाता है।

चंद्रमा संबंधी दोष करें दूर : महाशिवरात्रि में शिवलिंग की पूजा करने से जन्मकुंडली के नवग्रह दोष तो शांत होते हैं। विशेष करके चंद्र्जनित दोष जैसे मानसिक अशान्ति, माँ के सुख और स्वास्थ्य में कमी, मित्रों से संबंध, मकान-वाहन के सुख में विलम्ब, हृदयरोग, नेत्र विकार, चर्म-कुष्ट रोग, नजला-जुकाम, स्वांस रोग, कफ-निमोनिया संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है और समाज में मान प्रतिष्ठा बढती है। 

यह चढ़ाई पूजन सामग्री : शादीशुदा महिलाओं को इसदिन माँ पार्वती को श्रृंगार हेतु मेंहदी चढानी चाहिए और पुरुषों को पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से स्नान कराकर बेलपत्र पर अष्टगंध, कुमकुम, अथवा चन्दन से राम-राम लिखकर (ॐ नमःशिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय') कहते हुए शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए साथ ही भांग, धतूर और मंदार पुष्प तथा गंगाजल भी अर्पित हुए काल हरो हर, कष्ट हरो हर, दुःख हरो,दारिद्र्य हरो, नमामि शंकर भजामि शंकर शंकर शंभो तव शरणं। मंत्र से प्रार्थना करनी चाहिए।

पूजन सामग्री से यह होता है लाभ : 
  1.  शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से व्यापार में उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। 
  2.  भांग अर्पण से घर की अशांति, प्रेत बाधा तथा चिंता दूर होती है। 
  3.  मंदार पुष्प से नेत्र और ह्रदय विकार दूर रहते हैं। 
  4.  शिवलिंग पर धतूर के पुष्प-फल चढ़ाने से दवाओं के रिएक्शन तथा विषैले जीवों से खतरा समाप्त हो जाता है। 
  5.  शमीपत्र चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती, मारकेश तथा अशुभ ग्रह-गोचर से हानि नहीं होती।

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