दिसंबर महीने की इस तारीख से शुरू होगा खरमास, इन कामों से बरतें परहेज

खरमास दिसंबर महीने की इस तारीख से शुरू होगा खरमास, इन कामों से बरतें परहेज

दिसंबर महीने की इस तारीख से शुरू होगा खरमास, इन कामों से बरतें परहेज

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

- सूर्य ग्रह अपने मूल नक्षत्र धनु में करेगा प्रवेश इसके साथ ही 16 दिसंबर से शुरू हो जाएगा खरमास

- सूर्य के इस परिवर्तन करने पर स्नान और दान संबंधी उपाय होते हैं फलीभूत, जरूर अपनाएं
 

बुधवार यानी 16 दिसंबर को सूर्य ग्रह अपनी मूल नक्षत्र धनु में प्रवेश करने जा रहा है। सूर्य का यह परिवर्तन एक महीने तक स्थाई रहेगा। ज्योतिष गणना के अनुसार इस समय को खरमास कहते हैं। शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार खरमास के समय कई कार्य वर्जित भी बताए गए हैं। ज्योतिष आचार्यों का मानना है कि सूर्य का यह परिवर्तन ऐसे जातकों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है जिन्हें अपनी कुंडली के दोष को कम करने के लिए स्नान और दान संबंधी उपाय बताए गए हैं।

ज्योतिषाचार्य पारस कृष्ण शास्त्री ने जानकारी दी कि खरमास को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है। शास्त्रों के अनुसार यह भी माना गया है की सूर्य के घोड़ों की इस दौरान गति धीमी होने की वजह से सूर्य का प्रताप कम हो जाता है। एक वजह यह भी है की मान्यताओं एवं शास्त्रों के आदेश के चलते इस दौरान मांगलिक कार्य पूरी तरह से वर्जित माने जाते हैं।

उपायों के लिए महत्वपूर्ण समय

खरमास के समय सूर्य संबंधी पूजन एवं ज्योतिष उपाय किया जाना महत्वपूर्ण माना जाता है। मानता है कि इस दौरान सूर्य की गति धीमी होने के चलते और तेज कम होने के चलते उनके किए जाने वाले उपाय जल्द फलीभूत होते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि भक्तों की ओर से किए जाने वाले सूर्य संबंधी उपायों से सूर्य देव का तेज बढ़ता है। ऐसे में सूर्य देव अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

41 दिन पढ़ें आदित्य हृदय स्त्रोत

ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर है। कमजोर सूर्य होने की वजह से जातक पद पिता और प्रतिष्ठा संबंधी समस्याओं से परेशान हैं। कड़ी मेहनत करने के बावजूद यदि तरक्की नहीं मिल रही है, बगैर किसी दोस्त के कार्यक्षेत्र पर उच्चाधिकारियों पर विश्वास नहीं बना पा रहे हैं, पर्याप्त धन कमाने के बावजूद महीने के अंत समय पर धन नहीं बच पाता है या फिर कई महीनों की बचत किसी न किसी बड़े खर्च के रूप में चली जाती है। ऐसी समस्याओं से सामना कर रहे लोगों को 16 दिसंबर से लगातार 41 दिन तक आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इस पाठ के किए जाने से सूर्य मजबूत होगा और सभी समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा।

यह कार्य वर्जित

खरमास के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों के मुहूर्त स्थगित माने जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत खरमास के दौरान नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा यदि वैवाहिक कार्यक्रमों से संबंधित किसी तरह की बातचीत शुरू करने जा रहे हैं तो उसके लिए भी एक महीने का इंतजार करना चाहिए। यदि किसी नए स्थान पर पदभार ग्रहण करने जा रहे हैं तो शनिवार का दिन उत्तम रहेगा।

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