- नए साल की शुरुआत में ही कुंडली से दोष कम करने का जातको को मिला मौका
- मकर संक्रांति सूर्य के दिशा परिवर्तन से मिलेगा जातकों को पूरा लाभ
नए साल का पहला हफ्ता लोगों को कुंडली में दोष कम करने का मौका लेकर आया है। पांच जनवरी को बुध ग्रह अपनी राशि परिवर्तन कर रहा है। जानकार मानते हैं की जनवरी के पहले सप्ताह में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए बुध का राशि परिवर्तन करना पितृदोष और शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने के लिए प्रभावी होगा।
ज्योतिषाचार्य कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित उत्तम तिवारी ने जानकारी दी कि नए वर्ष का पहला दिन यानी 1 जनवरी शनि, बुध, मंगल, राहु और केतु की युति से शुभ मुहूर्त के रूप में जातकों को मिला था। ग्रहों की युति के बहुत अधिक प्रभावित ना होने के बावजूद 5 जनवरी को बुध ग्रह अपनी राशि परिवर्तन कर रहा है। राशि परिवर्तन के दौरान बुध ग्रह मकर राशि मैं गोचर करने जा रहा है। 5 जनवरी के बाद आम लोगों को बुध ग्रह की बदली हुई स्थिति 25 जनवरी को हासिल हो सकेगी। 1 जनवरी और 5 जनवरी के ग्रहों के प्रभाव को देखते हुए ऐसे जातकों को प्रयास करने की जरूरत है जो पितृदोष या फिर शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को अपनी राशि में कम करना चाहते हैं। 25 जनवरी को बुध ग्रह का राशि परिवर्तन कुंभ राशि में होगा। इसलिए मकर राशि में गोचर करने वाले बुध ग्रह का बेहतर प्रभाव लेने के लिए 5 जनवरी का परिवर्तन शुभ कारी होगा।
पितृदोष संबंधी उपाय : यदि कुंडली में पित्र दोष की समस्या सामने आ रही है तो इस समस्या को समझने के लिए पितृदोष को जानना जरूरी है। ऐसे जातक जिन्हें पितृदोष का प्रभाव परेशान कर रहा है उनके सफल कार्य ऐन वक्त पर असफल साबित होते हैं। योजना के अनुसार कार्य करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा घर में संतान संबंधी समस्या का भी सामना लगातार करना पड़ता है। ऐसे जातक 5 जनवरी को अपने घर का पूर्वी दक्षिण कोने में पितृ संबंधी पूजन कर सकते हैं। इसके अलावा दूध में जल मिलाकर वृक्ष में दान करने से लाभ हासिल होगा। पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाकर परिक्रमा किए जाने से लाभ मिलेगा।
शनि की साढ़ेसाती संबंधी उपाय : शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित व्यक्ति को कार्य क्षेत्र एवं रोजगार संबंधी क्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धन संचय में समस्या आती है और लिए गए कर्ज को चुकाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। परिवार में किसी सदस्य को ऐसी बीमारी लगने का डर रहता है जिसका लंबे समय तक इलाज कराना अनिवार्य होता है। ऐसे जातक बुध के राशि परिवर्तन के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। इसके अलावा काली वस्तु का दान किए जाने से भी शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम होगा। यदि संभव हो सके तो चींटी और पक्षियों को मीठी वस्तुओं का दान किया जाना लाभकारी सिद्ध होगा।
मार्केश के उपाय : कुंडली के विभिन्न ग्रह यदि मार्केश दोष से प्रभावित है तो कार्य योजना के बावजूद भी कार्य संभव नहीं हो सकेगा। अत्यंत सरल स्वभाव का कार्य भी आलस नींद और भूख की वजह से पूरे नहीं हो पाएंगे। किसी भी कार्य को करने से पहले मन में डर एवं भय के कारण से कार्य की शुरुआत ही नहीं हो पाएगी। इस तरह के दोष से बचने के लिए 5 जनवरी को उपाय किया जाना बेहद जरूरी है। उपाय के रूप में सरस्वती मां के चरणों पर नीले पुष्प चढ़ाना लाभदायक होगा। हनुमान मंदिर में तेल और जॉन का दान किया जाना मारकेश के दोष से बचाव करेगा। बुध के राशि परिवर्तन वाले दिन एक नारियल 11 बदाम काले कपड़े में बांधकर बहते हुए जल पर प्रभावित किए जाने से लाभ हासिल होगा।