- अमावस्या के दिन पितरों को जल दान देने से पितृदोष संबंधी समस्या का हो जाता है समाधान
- मकर संक्रांति के साथ अमावस्या तिथि होने से पित्र दोष से पीड़ित जातकों के लिए खास समय
मकर संक्रांति से पहले इस बार अमावस्या तिथि पड़ने की वजह से पित्र दोष से पीड़ित जातकों को पूजन के लिए खास समय मिला है। ज्योतिषाचार्य का मानना है की पितरो को मनाने के लिए और कालसर्प संबंधी पूजन के लिए यह समय लाभकारी है। 9 वर्ष बाद ऐसे समय आया है जब मकर संक्रांति से ठीक पहले पितरों को प्रसन्न करने का मौका जातकों को हासिल हुआ है।
ज्योतिषाचार्य और कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित उत्तम तिवारी ने जानकारी दी कि इस बार मकर संक्रांति पर पड़े खास संयोग और अमावस का दिन एक सीध में पड़ा है। 13 जनवरी को अमावस तिथि है जबकि 14 जनवरी को मकर संक्रांति संबंधी स्नान और दान किया जाएगा। इसलिए ऐसे जातक जो पितृदोष संबंधी समस्या का सामना कर रहे हैं उनके लिए पूजन के लगातार दो दिन अत्यंत महत्वपूर्ण बनकर इस बार आए हैं। ऐसी मान्यता है की अमावस तिथि को पितरों को यदि जल दान दिया जाता है तो रूठे हुए पित्र प्रसन्न होकर जल दान करने वाले जातक को मान्यता अनुसार वर देते हैं। अब ऐसे में अमावस में पितरों को प्रसन्न करने के तुरंत बाद मकर संक्रांति वाले दिन सूर्य और शनि को प्रसन्न करते हुए कुंडली में जातक बहुत से दोष को 2 दिन पूजन के साथ कम कर सकते हैं।
कैसे करें पित्र दोष की पहचान :
शास्त्रों में मान्यता है कि पित्र दोष से पीड़ित जातक का लंबे समय तक संघर्ष जारी रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे जातक जो अपने बुजुर्गों पूर्वजों और अभिभावकों का अनादर करते हैं या फिर मरणोपरांत किए जाने वाले कर्मकांड में लापरवाही बरतते हैं उन्हें पितरों के रुष्ट होने का परिणाम भुगतना पड़ता है।
- यदि लगातार सफलता हासिल करने के बाद एकदम से कार होना बंद हो जाते हैं तो कुंडली में पित्र दोष दिखाई जाने की जरूरत है।
- यदि परिवार में लगातार छोटी-छोटी बातों में रिश्तो में खटास आ जाती है तो ऐसी मान्यता है कि पितृदोष की वजह से ऐसा होता है।
- किसी कार्य को करने के लिए यदि कर्ज लिया है और कार्य सफल होने के बावजूद भी परिणाम हासिल नहीं हो पाता और लिए हुए कर्ज का लगातार व्यय होने लगता है तो वह पितृदोष की श्रेणी में आता है।
- यदि तमाम प्रयासों के बावजूद ऑफिस और घर पर खुद का सम्मान नहीं बना पा रहे हैं तो पित्र दोष का उपाय किए जाने की भी जरूरत है।
- तमाम प्रयासों के बावजूद प्रॉपर्टी और वाहन संबंधी सुख हासिल नहीं हो रहा है तो पित्र दोष का उपाय लगातार किए जाने की जरूरत है।
अमावस्या पर यह करें उपाय :
- अमावस्या तिथि को स्नान करने के बाद दोपहर के समय सूर्य देव के समक्ष अपने हाथों से तीन बार पितरों को जल देने मात्र से ही पित्र प्रसन्न होते हैं।
- जल दान के साथ ही गाय को 5 तरह के फल खिलाने से भी पित्र दोष संबंधी उपाय फलीभूत होता है।
- हर अमावस्या तिथि पर पीपल के पेड़ के नीचे शाम को काले तिल, फूल, चीनी, कच्ची लस्सी, चावल और गंगाजल रखने से पित्र प्रसन्न होते हैं।
- अमावस्या की तिथि से शुरू करते हुए रोजाना अपने घर की रसोई में पके हुए भोजन और खुद की थाली से गाय के लिए ग्रास निकालना चाहिए, इसके अलावा कुत्ते को माटी के बर्तन पर दूध पिलाने से भी पितरों को शांति मिलती है।
- अमावस्या तिथि को बबूल के पेड़ के नीचे भोजन रखने से पित्र दोष सम्बन्धी समस्या का जल्द निदान होता है।