बच्चों के पढ़ाई वाले स्थान पर कहीं इन रंगों की वजह से तो नहीं प्रभावित हो रहे हैं बुध और गुरु ग्रह, यदि ऐसा है तो सचेत रहने की है जरूरत

वास्तु शास्त्र : बच्चों के पढ़ाई वाले स्थान पर कहीं इन रंगों की वजह से तो नहीं प्रभावित हो रहे हैं बुध और गुरु ग्रह, यदि ऐसा है तो सचेत रहने की है जरूरत

बच्चों के पढ़ाई वाले स्थान पर कहीं इन रंगों की वजह से तो नहीं प्रभावित हो रहे हैं बुध और गुरु ग्रह, यदि ऐसा है तो सचेत रहने की है जरूरत

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

वास्तु शास्त्र में शिक्षा और व्यापार के स्थान को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। वास्तु शास्त्र में रंगों का विशेष महत्व है। वास्तु शास्त्रियों की माने तो गलत स्थान पर यदि गलत रंगों का प्रयोग किया गया है तो इससे घर का वास्तु बिगड़ने के साथ ही कुंडली के सकारात्मक ग्रह भी प्रभावित होने लगते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि शिक्षा के स्थान पर रंगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

कर्मकांड विशेषज्ञ एवं वास्तु शास्त्री पंडित संतोष जी पाधा ने जानकारी दी कि घर में बच्चों की पढ़ाई के स्थान में रंगों का चयन करना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार 4 तरह के रंग यदि बच्चे के पढ़ाई वाले स्थान पर दिखाई देते हैं तो इसका असर बच्चे के मस्तिष्क और याद करने की क्षमता के साथ ही व्यवहार पर भी पड़ने लगता है। इससे बच्चे का मन पढ़ाई से धीरे-धीरे कम होने लगता है। वास्तु शास्त्र में शिक्षा के कमरे में 4 तरह के रंगों को वर्जित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इन रंगों की वजह से सीधे तौर पर बच्चे की कुंडली में बुध और गुरु ग्रह प्रभावित होता है। दोनों ही ग्रहों के प्रभावित होने की वजह से शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे को सकारात्मक परिणाम मिलने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है।

यह करें उपाय : बच्चों के कमरे में यदि वास्तु शास्त्र में वर्जित चार रंग पूर्व में ही कराया जा चुका है तो उसका सीधा और सरल उपाय भी वास्तुशास्त्र में दिया गया है। उपाय के तौर पर यदि बच्चे को पढ़ाई करते समय हल्दीघाटी का या फिर उसकी टेबल में हल्दी की गांठ को कपड़े में बांध कर रख दिया जाए तो रंगों का प्रभाव कम होने लगता है। इस उपाय के करने से शिक्षा के कमरों में दोबारा पेंट कराने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

यह है वह चार वर्जित रंग

काला रंग : बच्चे के कमरे में यदि काले रंग से किसी तरह की आकृति बनी है या चित्रकारी लगी हुई है तो वास्तुशास्त्र में इसे वर्जित माना गया है। यदि सफलतापूर्वक बच्चे के कमरे की दीवारों में काले रंग को हटाया जा सकता है तो उसे हटा दें अन्यथा हल्दी की गांठ संबंधित उपाय कर वास्तु संबंधी समस्या को परिवार के सदस्य दूर कर सकते हैं। काला रंग बुध ग्रह को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इससे पढ़ते समय बच्चों को एकाग्रता बनाए रखने में समस्या आती है।

भूरा रंग : बच्चे के कमरे में यदि भूरे रंग का इस्तेमाल किया गया है तो इससे गुरु और बुध दोनों ही ग्रह प्रभावित होते हैं। इस रंग के दीवारों पर होने की वजह से बच्चे में याद करने के बावजूद पाठ्यक्रम को भूल जाने का भ्रम होता रहता है। यदि बच्चे के कपड़े में इस तरह के रंग का प्रयोग किया गया है तो बच्चे की पीठ दक्षिण दिशा की ओर कर पढ़ाई कराए और हल्दी की गांठ संबंधी उपाय करें।

गहरा लाल रंग : बच्चे के पढ़ाई वाले कमरे में ही आती गहरे लाल रंग का प्रयोग किया गया है तो यह वास्तु के अनुसार वर्जित रंग है। इस रंग का प्रयोग किए जाने से बच्चे में जल्दी-जल्दी गुस्सा आना जैसा लक्षण दिखाई देता है। गहरे लाल रंग की वजह से कुंडली में गुरु और मंगल ग्रह सबसे अधिक प्रभावित होता है। इसलिए यदि लाल रंग का उपयोग पढ़ाई वाले कमरे में किया गया है तो उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

गहरा हरा रंग : बच्चे के कमरे में यदि गहरे हरे रंग का प्रयोग किया गया है तो इससे बच्चे के भीतर समय प्रबंधन की कमी जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। गुरु और बुध के प्रभावित होने से बच्चे का लेखन भी खराब होने लगता है। ऐसी स्थिति में यदि गहरे हरे रंग का प्रयोग बच्चे के शिक्षा वाले कमरे में किया गया है तो वास्तु संबंधी उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.