UP Vidhansabha Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहा है। यूपी विधानसभा के चुनावों का इतिहास बेहद दिलचस्प है। पिछले यानि 2017 के चुनाव में 17वीं विधानसभा का गठन किया गया था। जिसमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) के नाम कई रिकॉर्ड बने थे। इनमें से एक रिकॉर्ड सबसे अधिक और सबसे कम मतों वाली जीत का है। आपको बता दें कि गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद सीट (Sahibabad Assembly Constituency) से भाजपा के सुनील कुमार शर्मा ने कांग्रेस (Congress) के प्रत्याशी अमरपाल शर्मा को 1,50,685 मतों से हराया था। यह पिछले चुनाव की सबसे बड़ी जीत थी। सुनील कुमार को 2,62,741 और अमरपाल को 1,12,056 वोट मिले थे।
सबसे कम अंतर वाली जीत भी भाजपा के नाम
सबसे कम वोटों के अंतर से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड भी भाजपा के नाम दर्ज किया गया था। सिद्धार्थनगर जिले में डुमरियागंज सीट पर यह जीत हुई थी। यहां भाजपा के राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बहुजन समाज पार्टी की सैयदा खातून को महज 171 मतों के मामूली अंतर से हराया था। राघवेन्द्र को 67,227 वोट मिले थे। सैयदा खातून को 67,056 वोट मिले थे। पिछली बार चुनाव में एक लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वाले पांच विधायक थे। जिनमें से विधायक चार भाजपा और एक निर्दलीय विधायक हैं।
एक लाख से बड़े अंतर वाले विधायक
एक लाख से अधिक मतों से जीत दर्ज करने वाले विधायकों में प्रतापगढ़ जिले कुंडा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया थे। उन्होंने भाजपा के जानकी शरण को 1,03,647 मतों के बड़े अंतर से हराया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने सर्वाधिक 88,255 मतों से विपक्षी को हराया था। दूसरी ओर 500 वोटों से कम अंतर से जीत दर्ज करने वाले 4 विधायक थे, इनमें से तीन भाजपा और एक बसपा के प्रत्याशी थे।
55 विधायक 50 से 75 हजार वोटों से जीते
उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में 55 विधायक ऐसे थे, जिन्होंने 50 हजार से लेकर 75 हजार मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। इनमें 51 भाजपा के थे। इस सूची में समाजवादी पार्टी के केवल 2 विधायक शामिल थे। सपा की ओर से सबसे अधिक मतों से दिग्गज नेता मोहम्मद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां ने 53,096 मतों के अंतर से चुनाव जीता था। बाद में पता चला कि अब्दुल्ला आजम की चुनाव लड़ने के लिए जरूरी उम्र 22 साल नहीं थी। उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के एक-एक विधायक इस श्रेणी में शामिल थे।
77 विधायक 10 हजार से कम मतों से जीते थे
पिछले चुनाव के परिणामों का विश्लेषण बताता है कि उत्तर प्रदेश में 77 विधायक ऐसे थे, जो 10 हजार मतों से कम अंतर के साथ जीतकर विधानसभा में आए थे। इनमें 36 भाजपा के विधायक थे। समाजवादी पार्टी के 22 विधायक, बसपा के 14, कांग्रेस के 2, रालोद, अपना दल और भासपा के एक-एक विधायक इस कैटेगरी में शामिल थे। रालोद के एकमात्र विधायक छपरौली से सहेन्द्र सिंह 3,842 मतों से जीते थे। हालांकि, बाद में वह बागी होकर भाजपा के खेमे में पूरे 5 साल खड़े रहे।