210 कुख्यात बदमाश मुठभेड़ में ढेर, 1601 अपराधियों के पैर में लगी गोली, 27 हजार से ज्यादा गिरफ्तार

यूपी में सात सालों में 12 हजार एनकाउंटर : 210 कुख्यात बदमाश मुठभेड़ में ढेर, 1601 अपराधियों के पैर में लगी गोली, 27 हजार से ज्यादा गिरफ्तार

210 कुख्यात बदमाश मुठभेड़ में ढेर, 1601 अपराधियों के पैर में लगी गोली, 27 हजार से ज्यादा गिरफ्तार

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Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपराध पर काफी हद कंट्रोल किया गया है। योगी की सात सालों की सरकार में पुलिस और अपराधियों के बीच 12 हजार से ज्यादा मुठभेड़ हुई हैं। इनमें 210 से ज्यादा अपराधी मारे गए हैं, जबकि हजारों अपराधी घायल होकर पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। वहीं, इन मुठभेड़ों में 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। 

मेरठ जोन में सबसे ज्यादा मुठभेड़ 
यूपी पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते 2017 से 5 सितंबर तक 12 हजार से ज्यादा मुठभेड़ हुई हैं, इन मुठभेड़ों में गिरफ्तार अपराधियों की संख्या 27 हजार से ज्यादा है। 1601 अपराधी घायल हुए हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा मुठभेड़ मेरठ जोन में हुई हैं, जहां 3723 से ज्यादा मुठभेड़ों में करीब 66 अपराधी मारे गए हैं। 7 हजार से ज्यादा गिरफ्तार हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सभी मुठभेड़ों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया गया, यही वजह है कि यूपी पुलिस के किसी भी एनकाउंटर पर सवाल नहीं उठा। यूपी में एसटीएफ ही नहीं कमिश्नरेट और जिलों की पुलिस भी अपराधियों के खिलाफ अभियान चला रही है।

यूपी पुलिस के सबसे चर्चित एनकाउंटर 
विकास दुबे :
यूपी में सबसे चर्चित एनकाउंटर विकास दुबे का रहा। इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। दरअसल, 3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर फायरिंग की थी। इसमें सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। 9 जुलाई को विकास उज्जैन में पकड़ा गया। अगले दिन कानपुर लौटते वक्त भौंती में भागने की कोशिश की और एनकाउंटर में मारा गया। विकास पर 5 लाख रुपये का इनाम था। 

गौरी यादव : बुंदेलखंड में 20 साल तक आतंक का पर्याय रहा गौरी यादव पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। 30 अक्टूबर 2021 को चित्रकूट के जंगलों में एसटीएफ टीम की उससे मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में 5 लाख रुपये का इनामी बदमाश गौरी यादव मारा गया।

कमल : जुलाई 2019 में संभल में कोर्ट में पेशी पर आए तीन बदमाशों को छुड़ाने के लिए पुलिस टीम पर हमला किया गया था, जिसमें 2 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इन 3 बदमाशों में से एक बदमाश कमल के अमरोहा में होने की सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे घेर लिया, मुठभेड़ हुई और इसमें कमल मारा गया। इस मुठभेड़ में एसपी के गनर को भी गोली लगी थी।

शिवशक्ति नायडू : 11 जिलों में 22 मामलों में वांछित शिवशक्ति नायडू की कंकरखेड़ा में पुलिस से मुठभेड़ हो गई। वह देहरादून हाईवे से कार चुराकर भाग गया था। मेरठ जिले के कंकरखेड़ा में पुलिस ने उसे घेर लिया, दोनों तरफ से फायरिंग हुई और शिवशक्ति नायडू मारा गया। इस मुठभेड़ में गोली एसएसपी की बुलेटप्रूफ जैकेट में भी लगी। उस पर करीब 2 लाख का इनाम था।

मनीष सिंह : वाराणसी और आसपास के जिलों में आतंक मचाने वाले मनीष सिंह उर्फ सोनू को अप्रैल 2021 में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था। वह एनडी तिवारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। नरोत्तमपुर लंका निवासी मनीष सिंह सोनू को एसटीएफ ने लोहता में मार गिराया था। दास पर दो लाख का इनाम था।

मंसूर पहलवान : डकैती, लूट और हत्या जैसी घटनाओं में वांछित मंसूर पहलवान पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। खास बात यह है कि 2017 में सरकार बनने के बाद सबसे पहला एनकाउंटर मंसूर पहलवान का हुआ था। वह कुख्यात काला मुकीम गिरोह के लिए काम करता था।

आदित्य राणा : अप्रैल 2022 में कुख्यात अपराधी आदित्य राणा फरार हो गया था। डीजीपी ने उस पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया था। करीब एक साल बाद 11 अप्रैल 2023 को लांबा खेड़ा गांव में उसकी लोकेशन मिलने पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, जिसमें आदित्य राणा मारा गया।

असद अहमद और गुलाम : कुख्यात गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को पिछले साल 13 अप्रैल को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। दोनों उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी थे। यूपी पुलिस ने उन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

मंगेश यादव : चर्चित सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में खूब राजनीति हुई थी, विपक्ष ने आरोप लगाया था कि मंगेश यादव होने की वजह से एनकाउंटर में मारा गया। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी पुलिस जाति के आधार पर कार्रवाई नहीं करती। मंगेश डकैती के 11 आरोपियों में से एक था।

अनुज सिंह : सुल्तानपुर सराफा डकैती कांड में मंगेश यादव के बाद एसटीएफ ने इसी साल सितंबर में अनुज सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस एनकाउंटर के दौरान उसका एक साथी भागने में सफल रहा था। अनुज की मौत पर उसके पिता ने आरोप लगाया था कि मंगेश के एनकाउंटर पर हो रही राजनीति की वजह से मेरे बेटे की हत्या की गई।

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