एक स्कूल के 27 बच्चे अचानक हो गए बीमार, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती 

प्रयागराज से बड़ी खबर : एक स्कूल के 27 बच्चे अचानक हो गए बीमार, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती 

एक स्कूल के 27 बच्चे अचानक हो गए बीमार, सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती 

Tricity Today | बीमार बच्चे

Prayagraj News : प्रयागराज के मेजा क्षेत्र स्थित एक जूनियर हाई स्कूल में सोमवार दोपहर अचानक बहुत से बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और शरीर में ऐंठन होने लगी। अचानक हुई इस समस्या को देखकर स्कूल प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने तुरंत लगभग 27 बच्चों को मेजा के सीएससी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक बच्चों का उपचार करने में जुट गए। इसके अलावा दो बच्चों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसके बाद कई अधिकारी अस्पताल में बच्चों की हालात देखने पहुंचे।

गर्मी के कारण बिगड़ी बच्चों की तबीयत
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज के मेजा क्षेत्र स्थित राज नारायण यादव जूनियर हाई स्कूल गेदुराही में सोमवार दोपहर उस समय अफरा तफरी मच गई, जब स्कूल के लगभग 27 बच्चे अचानक बीमार हो गए। बच्चों को सांस लेने में परेशानी होने लगी और शरीर में ऐंठन होने लगी। स्कूल प्रबंधन ने तुरंत बीमार बच्चों को मेजा सीएससी अस्पताल में भर्ती कराया। बीमार बच्चों में अंजलि, प्रांजल, सौरभ, दीपांशु, संजना, स्नेहा प्रजापति, ज्योति यादव, अंजलि, शरद, पूनम, अंजलि सहित 27 बच्चे शामिल हैं। इसके बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने तुरंत बच्चों का उपचार शुरू कर दिया। दो बच्चों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। चिकित्सक बच्चों की बिगड़ी तबीयत का कारण अधिक गर्मी को बता रहे हैं। उपचार के बाद कई बच्चों की हालत में सुधार होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।

खराब जनरेटर को लेकर परिजनों ने किया हंगामा
मामले की सूचना मिलते ही मौके पर एसडीएम अमित गुप्ता और एसीपी मेजा विमल किशोर मिश्रा भी पहुंच गए। जानकारी होने पर बच्चों के परिजन भी अस्पताल में पहुंच गए। इस दौरान अस्पताल का जनरेटर खराब देख परिजनों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद आनंन-फानन में अस्पताल के जनरेटर को ठीक कराकर उसे चलाया गया। प्रशासन के अधिकारियों ने उपचार कर रहे चिकित्सकों से बच्चों का हाल जाना।

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