अवैध और जहरीली शराब बनाने की तीन फैक्ट्रियों पर प्रशासन की कार्रवाई, कुछ दिन पहले ही 6 लोगों की हुई थी मौत

बुलंदशहर : अवैध और जहरीली शराब बनाने की तीन फैक्ट्रियों पर प्रशासन की कार्रवाई, कुछ दिन पहले ही 6 लोगों की हुई थी मौत

अवैध और जहरीली शराब बनाने की तीन फैक्ट्रियों पर प्रशासन की कार्रवाई, कुछ दिन पहले ही 6 लोगों की हुई थी मौत

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

बुलंदशहर जिला पुलिस ने अवैध और मिलावटी शराब का धंधा करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। इस सिलसिले में शुक्रवार को पुलिस ने छापा मारकर मिलावटी शराब बनाने की तीन फैक्ट्रियों का पर्दाफाश किया। साथ ही पुलिस ने बड़ी मात्रा में अवैध शराब और शराब बनाने की सामग्री बरामद की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सिंभावली इलाके से पुलिस की स्वाट टीम और अनूपशहर थाना प्रभारी निरीक्षक राम सेन सिंह ने एक संयुक्त ऑपेरशन किया।

टीम ने अनिवास गांव की धर्मशाला में अवैध रूप से संचालित शराब फैक्ट्री का खुलासा किया। पुलिस ने मौके से एक व्यक्ति विमल राघव को गिरफ्तार किया, जबकि उसका साथी दीवार फांद कर भागने में सफल रहा। टीम ने मौके से शराब की 118 पेटी शराब बरामद किया। इमें 5320 पव्वे, शराब की केन के अलावा अपमिश्रित शराब, यूरिया खाद, खाली बोतल, ढक्कन और शराब बनाने के उपकरण मिले हैं। पूछताछ में गिरफ्तार विमल राघव ने बताया कि नोएडा के दो कारखानों से नकली शराब सस्ते दाम पर खरीदते हैं। यहां लाकर उसमें यूरिया खाद और दूसरी चीजें मिलाकर मिस इंडिया का लेवल और क्यूआर कोड चिपकाकर कर महंगे दाम पर भेजते हैं। 

आरोपी विमल ने इस धंधे में शामिल कई लोगों के नाम पुलिस से साझा किया है। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गांव बेरा फिरोजपुर के तुषार के घर पर छापा मारकर मिलावटी शराब बनाते हुए गिरफ्तार किया है। पुलिस को मौके से 42 लीटर शराब, यूरिया और नशे की गोलियों के अलावा नकली क्यूआर कोड के रैपर, खाली बोतल, ढक्कन, शराब बनाने के उपकरण मिले हैं। शिकारपुर पुलिस ने भी अनूपशहर रोड स्थित इंटरनेशनल जन सेवा केंद्र के सामने मैदान में बने एक कमरे से शराब फैक्ट्री का पदार्फाश किया।

गौरतलब है कि सिकंदराबाद के ग्राम जीत गली में मिलावटी शराब पीने से कुछ दिन पहले 6 लोगों की मौत हो गई थी। लापरवाही के आरोप में सिकंदराबाद के प्रभारी निरीक्षक समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए जिला आबकारी अधिकारी, संयुक्त आयुक्त को हटाकर लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया था। कार्य निरीक्षकों को भी निलंबित किया गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार और एसएसपी संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में जिले में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए मुहिम चलाई जा रही है।

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