वकीलों के आगे झुकी सरकार, हड़ताल वापस, काम पर लौटेंगे अधिवक्ता

यूपी से बड़ी खबर : वकीलों के आगे झुकी सरकार, हड़ताल वापस, काम पर लौटेंगे अधिवक्ता

वकीलों के आगे झुकी सरकार, हड़ताल वापस, काम पर लौटेंगे अधिवक्ता

Google Image | अधिवक्ताओं ने अपनी हड़ताल वापस ली

Hapur/Lucknow : यूपी के हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज मामले सरकार से वार्ता के बाद अधिवक्ताओं ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। बार काउंसिल ऑफ यूपी के उपाध्यक्ष अनुराग पाण्डेय ने बताया कि मुख्य सचिव के साथ हुई वार्ता बेहद सफल रही। सरकार ने उनकी मांगें मान ली। समझौते के बाद बार आउंसिल ऑफ यूपी ने हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच बातचीत सफल रही है। अधिवक्ताओं के काम पर वापस आने के बाद तयशुदा कार्रवाई की जाएगी। 

क्या था पूरा मामला
अब कोई एक पखवाड़ा पहले हापुड़ में एक महिला वकील की कार को एक सिपाही की बाइक से टक्कर लग गई थी। उस विवाद के बाद पुलिस ने महिला अधिवक्ता और उनके पिता को थाने ले गई। इस बात की खबर मिलते ही वकील थाने पहुंच गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस मामले में अधिवक्ताओं के साथ ही कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए थे। यह चिंगारी ज्वाला में तब्दील हो गई और देखते ही देखते पूरे प्रदेश के अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए। तभी से यह हड़ताल जारी थी।

ये थी वकीलों की मांग
हड़ताली वकीलों की मांग थी हापुड़ के एसपी और डीएम को जिले से हटाया जाए। इसके अलावा वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दायर कर उन्हें सस्पेंड करने और घायल वकीलों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे थे। वकीलों की मांग पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एसआईटी का गठन कर दिया। उसमें मेरठ मंडल की कमिश्नर, मेरठ के आईजी और मुरादाबाद के डीआईजी को शामिल किया गया। वकीलों ने इस बात पर भी ऐतराज जताया। उनका कहना था कि इसमें बार काउंसिल और न्यायिक अधिकारी को भी शामिल किया जाए। क्योंकि मौजूदा एसआईटी से उन्हें न्याया की उम्मीद नहीं है। बाद में सीएम योगी ने लखनऊ परिवार न्यायालय के रिटायर मुख्य न्यायाधीश को भी एसआईटी में शामिल किया। लेकिन, फिर भी वकील अपनी शेष मांगों पर अड़े रहे।

इसलिए बनी बात
वकीलों की हड़ताल से सरकार को हर दिन करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा था। दूसरी ओर, कोर्ट में लंबित मुकदमों में भी पैरवी नहीं हो पा रही थी। हड़ताल से पूरी न्यायिक व्यवस्था ही ठप पड़ गई थी। आखिर, 14 सितंबर की रात मुख्य सचिव, स्पेशल डीजी लॉ एंड आर्डर समेत अन्य अफसरों के साथ वकीलों की बैठक हुई। उसमें पूरे मामले पर चर्चा हुई। आखिर, बात बन गई और वकीलों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान कर दिया।

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